गर्मियों में पसीना आना आम है, लेकिन अगर बिना एक्सरसाइज, ठंडे मौसम या आराम के समय भी शरीर के खास हिस्सों पर पसीना आए तो यह हाइपरहाइड्रोसिस हो सकता है। आइए डर्मेटोलॉजिस्ट डॉ. अग्नि कुमार बोस से जानते हैं हाइपरहाइड्रोसिस के कारणों के बारे में।
क्या है हाइपरहाइड्रोसिस?
यह एक मेडिकल कंडीशन है जिसमें शरीर जरूरत से ज्यादा पसीना छोड़ता है। खासकर हथेली, पैर, माथे और बगल में। ठंड में भी पसीना आना इसका मुख्य लक्षण है।
लक्षणों को नजरअंदाज न करें
यदि पसीना इतना ज्यादा आए कि कपड़े गीले हो जाएं, ग्रिप स्लिप हो, या दूसरों से मिलने में शर्मिंदगी महसूस हो- तो यह हाइपरहाइड्रोसिस का लक्षण हो सकता है।
कारण 1- तनाव या डिप्रेशन
लगातार तनाव या मानसिक दबाव में रहना, शरीर की स्वेट ग्लैंड्स को ओवरएक्टिव बना सकता है, जिससे पसीना जरूरत से ज्यादा आता है।
कारण 2- अधिक तापमान
बहुत गर्म मौसम या उमस वाले वातावरण में शरीर खुद को ठंडा रखने के लिए अधिक पसीना छोड़ सकता है, जो हाइपरहाइड्रोसिस को ट्रिगर करता है।
कारण 3- मसालेदार भोजन
ज्यादा तीखा, तला या मसालेदार खाना खाने से शरीर का मेटाबॉलिज्म तेज होता है, जिससे अधिक पसीना आ सकता है। ये भी हाइपरहाइड्रोसिस को बढ़ा सकता है।
कारण 4- डर या घबराहट
जब आप नर्वस या डरे हुए होते हैं, तो शरीर में एड्रेनालिन रिलीज होता है, जिससे हथेलियों और माथे पर पसीना आने लगता है।
कारण 5- थायरॉइड या नर्वस सिस्टम की समस्या
अगर आपको थायरॉइड, डायबिटीज या नर्वस सिस्टम से जुड़ी कोई दिक्कत है, तो यह भी हाइपरहाइड्रोसिस का कारण बन सकती है। मेडिकल जांच जरूरी है।
हालांकि यह गंभीर रोग नहीं है, लेकिन डॉक्टर की सलाह से दवाएं, लाइफस्टाइल में बदलाव और स्किन केयर से हाइपरहाइड्रोसिस को कंट्रोल किया जा सकता है। हेल्थ से जुड़ी और जानकारी के लिए पढ़ते रहें onlymyhealth.com