अगर मूत्राशय (ब्लैडर) में जरूरत से ज्यादा पेशाब भर जाए और समय पर बाहर न निकले, तो यह स्वास्थ्य के लिए खतरनाक हो सकता है। इसलिए समय पर पेशाब करना बहुत जरूरी होता है।
एक्सपर्ट की राय
यह जानकारी Healthdirect Australia और अन्य मेडिकल स्रोतों पर आधारित है, जो यूरिनरी सिस्टम से जुड़ी जानकारी प्रदान करते हैं।
यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन (UTI) का खतरा
पेशाब को देर तक रोके रखने से बैक्टीरिया पनपने लगते हैं जिससे यूरिन इंफेक्शन हो सकता है। इससे जलन, बार-बार पेशाब आना और दर्द जैसी समस्याएं होती हैं।
किडनी पर पड़ता है दबाव
अगर ब्लैडर बहुत भर जाता है तो यह गुर्दों (किडनी) पर दबाव डालता है। इससे किडनी की कार्यक्षमता प्रभावित हो सकती है और किडनी डैमेज का खतरा बढ़ जाता है।
ब्लैडर में सूजन और दर्द
अत्यधिक पेशाब भरने से ब्लैडर में सूजन आ सकती है जिससे पेट के निचले हिस्से में भारीपन, खिंचाव और दर्द जैसी समस्याएं होती हैं।
ब्लैडर रप्चर (फटने) का भी खतरा
अत्यधिक पेशाब भरने पर अगर स्थिति गंभीर हो जाए तो मूत्राशय फट सकता है, जिसे मेडिकल इमरजेंसी माना जाता है और इसका तुरंत इलाज जरूरी होता है।
पेशाब टपकने की समस्या (incontinence)
अगर मूत्राशय अधिक समय तक खिंचा रहता है तो कंट्रोल बिगड़ सकता है और धीरे-धीरे पेशाब टपकने की समस्या हो सकती है, जिसे 'यूरेनरी इनकांटिनेंस' कहा जाता है।
मूत्राशय की मांसपेशियां हो सकती हैं कमजोर
लगातार पेशाब रोकने की आदत से ब्लैडर की मांसपेशियां कमजोर हो जाती हैं जिससे पेशाब को ठीक से निकालना मुश्किल हो जाता है और आगे चलकर सर्जरी की जरूरत भी पड़ सकती है।
बार-बार पेशाब रोकना या देर से करना सेहत के लिए नुकसानदायक हो सकता है। ब्लैडर से जुड़ी कोई भी दिक्कत हो तो डॉक्टर से तुरंत सलाह लेनी चाहिए। हेल्थ से जुड़ी और जानकारी के लिए पढ़ते रहें onlymyhealth.com