कुछ लोग कम सोने के बाद भी थके हुए नहीं दिखते। वे दिनभर एनर्जेटिक रहते हैं। ऐसा क्यों होता है? क्या ये आम बात है या इसके पीछे कोई साइंस है? आइए PubMed आधारित स्टडी से समझते हैं।
नींद कम, लेकिन दिमाग एक्टिव कैसे?
कुछ लोगों के ब्रेन में एक खास बायोलॉजिकल घड़ी होती है जो उन्हें कम नींद में भी फोकस बनाए रखने में मदद करती है। उनकी नींद की क्वालिटी गहरी होती है।
जेनेटिक बदलाव
एक शोध में पाया गया कि कुछ लोगों के जीन (जैसे DEC2 या ADRB1) में ऐसा बदलाव होता है जिससे उन्हें कम नींद की जरूरत होती है। इसे “Natural Short Sleepers” कहा जाता है।
हाई एनर्जी ब्रेन वेव्स
इन लोगों के ब्रेन में गहरी नींद के दौरान ज्यादा “slow-wave activity” होती है, जिससे थकान कम महसूस होती है और वे फ्रेश महसूस करते हैं।
लाइफस्टाइल
जो लोग हेल्दी खानपान, नियमित वर्कआउट और मेडिटेशन करते हैं, वे कम नींद लेकर भी दिनभर एक्टिव रह सकते हैं। उनका शरीर एनर्जी को बेहतर ढंग से मैनेज करता है।
माइंडसेट और मोटिवेशन का असर
अगर किसी के पास किसी काम को लेकर ज्यादा मोटिवेशन हो तो उनका दिमाग नींद की कमी को नजरअंदाज कर सकता है। ये एक अस्थायी मानसिक एनर्जी बनाता है।
नींद की आदतें भी होती हैं अलग
कुछ लोग हर दिन एक ही समय पर सोते और उठते हैं। इस नियमितता की वजह से उनका शरीर कम नींद में भी ढल जाता है। उनकी बॉडी क्लॉक मजबूत होती है।
कैफीन और थकावट
कई बार कॉफी या एनर्जी ड्रिंक से लोग खुद को एक्टिव दिखाते हैं। लेकिन यह असली एनर्जी नहीं होती। लंबे समय तक नींद की कमी शरीर को नुकसान पहुंचा सकती है।
कम नींद में एनर्जेटिक रहना हर किसी के लिए नहीं होता। ज्यादातर लोगों को 7–8 घंटे की नींद जरूरी होती है। हमेशा कम नींद लेना सेहत के लिए खतरनाक हो सकता है। सेहत से जुड़ी और जानकारी के लिए पढ़ते रहें onlymyhealth.com