कई लोग सोचते हैं कि ज्यादा सोचने से बाल जल्दी सफेद हो जाते हैं। क्या यह सच है या सिर्फ एक मिथ? आइए PubMed आधारित एक स्टडी से जानते हैं।
ओवरथिंकिंग क्या होती है?
जब हम किसी बात को बार-बार और जरूरत से ज्यादा सोचते हैं, उसे ओवरथिंकिंग कहते हैं। इससे दिमाग लगातार तनाव में रहता है।
तनाव और शरीर का कनेक्शन
तनाव यानी स्ट्रेस, शरीर में कई बदलाव करता है। इससे नींद खराब होती है, हार्मोन गड़बड़ होते हैं और बालों की सेहत पर भी असर पड़ता है।
रिसर्च क्या कहती है?
स्टडीज बताती हैं कि ज्यादा तनाव से बालों की जड़ों में मौजूद पिग्मेंट सेल्स खत्म हो सकते हैं। इससे बाल सफेद होने लगते हैं।
कैसे होता है असर?
तनाव शरीर की नर्वस सिस्टम को एक्टिव करता है। इससे एक खास सेल ‘melanocyte stem cells’ खत्म हो जाते हैं, जो बालों को रंग देते हैं।
क्या इंसानों पर भी असर होता है?
जी हां, हाल की एक स्टडी में यह भी पाया गया है कि इंसानों के बाल तनाव से सफेद हो सकते हैं। खास बात यह है कि अगर तनाव कम किया जाए, तो यह प्रक्रिया कुछ हद तक उलटी भी हो सकती है।
ओवरथिंकिंग से कैसे बचें?
ध्यान, योग, और पॉजिटिव सोच ओवरथिंकिंग को कम कर सकते हैं। सोशल मीडिया से थोड़ा ब्रेक लेना और समय पर सोना भी मददगार हो सकता है।
क्या हर सफेद बाल का कारण तनाव है?
नहीं। उम्र, जेनेटिक्स, खान-पान और अन्य कारण भी सफेद बालों के लिए जिम्मेदार होते हैं। लेकिन ओवरथिंकिंग इन्हें और तेज कर सकती है।
अगर आप चाहते हैं कि आपके बाल लंबे समय तक काले रहें, तो दिमाग को शांत रखें। ओवरथिंकिंग कम करें और हेल्दी लाइफस्टाइल अपनाएं। सेहत से जुड़ी और जानकारी के लिए पढ़ते रहें onlymyhealth.com