क्या बार-बार बेचैनी, घबराहट और मन का डांवाडोल रहना विटामिन D की कमी से जुड़ा हो सकता है? आइए जानते हैं PubMed की रिपोर्ट से इसका जवाब।
विटामिन D
विटामिन D केवल हड्डियों के लिए नहीं होता। यह मस्तिष्क में मूड को कंट्रोल करने वाले हार्मोन पर भी असर डालता है, जैसे कि सेरोटोनिन।
कम विटामिन D से क्यों बढ़ती है बेचैनी?
विटामिन D की कमी से दिमाग की केमिस्ट्री बदल सकती है, जिससे चिंता, तनाव और घबराहट की संभावना बढ़ जाती है। यह हार्मोन बैलेंस को भी बिगाड़ सकता है।
रिसर्च क्या कहती है?
अध्ययनों से पता चला है कि जिन लोगों में विटामिन D की कमी थी, उनमें एंग्जायटी और डिप्रेशन के लक्षण ज्यादा थे। सप्लिमेंट लेने से कुछ सुधार भी देखा गया।
विटामिन D और सेरोटोनिन का रिश्ता
सेरोटोनिन, जो हमें खुश महसूस कराता है, उसकी प्रक्रिया में विटामिन D जरूरी होता है। कमी होने पर यह प्रोसेस धीमा हो जाता है, जिससे मूड डाउन रहने लगता है।
विटामिन D और इम्यून सिस्टम
कम विटामिन D का असर सिर्फ मूड ही नहीं, इम्यून सिस्टम पर भी पड़ता है। तनाव और एंग्जायटी शरीर की सूजन बढ़ा सकते हैं, जिससे मानसिक स्थिति और बिगड़ती है।
कैसे जानें कि आपके अंदर कमी है?
लगातार थकान, उदासी, मांसपेशियों में दर्द और चिंता जैसे लक्षण विटामिन D की कमी का संकेत हो सकते हैं। सही पुष्टि के लिए ब्लड टेस्ट कराना जरूरी है।
प्राकृतिक स्रोत और पूर्ति के तरीके
धूप सबसे अच्छा सोर्स है। साथ ही अंडा, दूध, मछली और सप्लिमेंट लेने से विटामिन D की कमी पूरी की जा सकती है। डॉक्टर की सलाह जरूर लें।
मानसिक सेहत के लिए सिर्फ सोच नहीं, पोषण भी जरूरी है। अगर आपको बताए गए लक्षण दिखाी देते हैं और स्थिति गंभीर लगती है तो डॉक्टर से तुरंत सलाह लें। सेहत से जुड़ी और जानकारी के लिए पढ़ते रहें onlymyhealth.com