आजकल की लाइफस्टाइल, स्ट्रेस और हार्मोनल बदलाव के कारण महिलाओं को अनियमित पीरियड्स की समस्या होती है। दवाओं की बजाय आयुर्वेदिक काढ़ा एक प्राकृतिक समाधान हो सकता है। आइए आयुर्वेदिक न्यूट्रिशनिस्ट शिखा से जानते हैं काढ़ा बनाने का तरीका।
आयुर्वेदिक काढ़े के फायदे
यह काढ़ा हार्मोन बैलेंस करता है, पीरियड्स को रेगुलर करता है और प्राकृतिक तरीके से शरीर को डिटॉक्स करता है। इसे सही मात्रा में लेने से कोई साइड इफेक्ट नहीं होते।
काढ़ा बनाने के लिए सामग्री
इस काढ़े को बनाने के लिए देसी घी, जीरा, हल्दी, अदरक पेस्ट और पानी की जरूरत होती है। ये सभी सामग्रियां प्राकृतिक हैं और शरीर को फायदा पहुंचाती हैं।
पहला स्टेप - देसी घी गर्म करें
एक पतीले को गैस पर गर्म करें और उसमें देसी घी डालें। यह शरीर को अंदर से गर्मी देगा और काढ़े के प्रभाव को बढ़ाएगा, जिससे पीरियड्स रेगुलर होने में मदद मिलेगी।
दूसरा स्टेप - मसाले मिलाएं
घी के गर्म होते ही उसमें जीरा, हल्दी और अदरक पेस्ट डालें। इन्हें अच्छे से मिलाएं और हल्का भूनें। जब मसालों की खुशबू आने लगे, तो गैस बंद कर दें।
तीसरा स्टेप - पानी मिलाएं
अब एक अलग पतीले में पानी गर्म करें और उसमें तैयार मिश्रण डालें। इसे अच्छे से उबालें ताकि सभी औषधीय गुण पानी में आ जाएं और काढ़ा पूरी तरह तैयार हो जाए।
सेवन कैसे करें?
इस काढ़े का सेवन सप्ताह में दो से तीन बार करना चाहिए। ज्यादा मात्रा में पीने से पेट दर्द, गैस या स्किन प्रॉब्लम हो सकती है, खासकर गर्मियों में।
सावधानियां और साइड इफेक्ट्स
अगर आपको इस काढ़े की किसी सामग्री से एलर्जी है, तो इसका सेवन न करें। ज्यादा मात्रा में लेने से शरीर में गर्मी बढ़ सकती है, जिससे स्किन रैशेज, जलन और अन्य समस्याएं हो सकती हैं।
दवाइयों की बजाय प्राकृतिक उपायों को अपनाकर शरीर को हेल्दी रखना बेहतर होता है। यह आयुर्वेदिक काढ़ा आपकी सेहत का ध्यान रखते हुए पीरियड्स को रेगुलर करने में मदद कर सकता है। स्वास्थ्य से जुड़ी और जानकारी के लिए पढ़ते रहें onlymyhealth.com