आजकल हाई ब्लड प्रेशर एक आम समस्या बन चुका है। लेकिन क्या सिर्फ गहरी सांसें लेकर इसे कंट्रोल किया जा सकता है? आइए PubMed की रिपोर्ट से जानते हैं।
गहरी सांसें क्या होती हैं?
गहरी सांस लेने का मतलब है धीरे-धीरे और पूरी क्षमता से फेफड़ों में हवा भरना और छोड़ना। इसे डायाफ्रामिक ब्रीदिंग या स्लो ब्रीदिंग भी कहा जाता है।
ब्लड प्रेशर कैसे कम होता है?
धीमी और गहरी सांसें लेने से नसों का तनाव कम होता है। इससे दिल की धड़कन धीमी होती है और ब्लड प्रेशर प्राकृतिक रूप से घटने लगता है।
वैज्ञानिक क्या कहते हैं?
स्टडीज के अनुसार रोज 10 मिनट की गहरी सांस की प्रैक्टिस से 4 से 8 mmHg तक BP में गिरावट देखी गई है। यह असर कुछ हफ्तों में दिखने लगता है।
कितनी बार करें गहरी सांस की प्रैक्टिस?
दिन में 2 बार, हर बार करीब 5 से 10 मिनट गहरी सांसें लेने से अच्छा असर दिख सकता है। इसे आराम से बैठकर या लेटकर किया जा सकता है।
किन लोगों को फायदा होता है?
गहरी सांसें खासतौर पर प्रीहाइपरटेंशन या स्टेज-1 हाई BP वालों के लिए फायदेमंद होती हैं। दवाओं के साथ या बिना भी इसे अपनाया जा सकता है।
स्ट्रेस भी होता है कम
गहरी सांसों से न सिर्फ BP कम होता है, बल्कि तनाव, घबराहट और थकान भी कम होती है। यह मन और शरीर दोनों के लिए लाभदायक है।
ध्यान रखें ये बातें
गहरी सांसें लेते समय कोई जल्दबाजी न करें। शांत माहौल में करें और लंबा श्वास लें और छोड़ें। अगर चक्कर आए तो थोड़ी देर रुक जाएं।
गहरी सांस लेना एक आसान, मुफ्त और प्रभावशाली तरीका है BP को संभालने का। नियमित अभ्यास से दवा की जरूरत भी कम हो सकती है। सेहत से जुड़ी और जानकारी के लिए पढ़ते रहें onlymyhealth.com