ग्लूटेन फ्री फूड उन लोगों के लिए फायदेमंद होता है जिन्हें गेहूं, जौ या राई से एलर्जी होती है। तो आइए मेट्रो अस्पताल के गैस्ट्रोएंटेरोलॉजिस्ट, हेपेटोलॉजिस्ट और मोटापा विशेषज्ञ डॉ. राकेश कुमार जगदीश से जानते हैं कि किसे ग्लूटेन फ्री फूड्स खाने चाहिए?
सीलिएक रोग में जरूरी
सीलिएक डिजीज एक गंभीर ऑटोइम्यून बीमारी है। इसमें ग्लूटेन के सेवन से आंतों को नुकसान होता है। ऐसे मरीजों को ग्लूटेन फ्री डाइट पूरी तरह अपनानी पड़ती है ताकि लक्षण और दिक्कतें न बढ़ें।
नॉन-सीलिएक ग्लूटेन सेंसिटिविटी
कुछ लोगों को ग्लूटेन खाने के बाद सिरदर्द, पेट दर्द, थकान जैसी दिक्कत होती है लेकिन वे सीलिएक के मरीज नहीं होते। ऐसे लोग भी डॉक्टर की सलाह से ग्लूटेन फ्री डाइट ले सकते हैं।
गेहूं से एलर्जी वाले लोग
जिन्हें गेहूं से एलर्जी होती है, उनके लिए भी ग्लूटेन फ्री डाइट जरूरी है। इससे एलर्जिक रिएक्शन जैसे त्वचा पर दाने, सूजन और सांस लेने में परेशानी से राहत मिल सकती है।
ऑटिज्म वाले बच्चों के लिए
कुछ केसों में देखा गया है कि ऑटिज्म से जूझ रहे बच्चों को ग्लूटेन फ्री डाइट देने से व्यवहारिक सुधार और पेट की समस्याओं में राहत मिल सकती है, हालांकि यह व्यक्ति विशेष पर निर्भर करता है।
IBS के मरीजों को राहत
इरिटेबल बाउल सिंड्रोम (IBS) से ग्रसित लोगों को भी कभी-कभी ग्लूटेन से परेशानी हो सकती है। ऐसे में ग्लूटेन फ्री डाइट अपनाने से पेट फूलना और कब्ज जैसी समस्याएं कम हो सकती हैं।
बिना जरूरत न करें डाइट बदलाव
ग्लूटेन फ्री डाइट ट्रेंड जरूर है, लेकिन यह सभी के लिए नहीं है। बिना डॉक्टर की सलाह से ग्लूटेन हटाना शरीर में जरूरी पोषक तत्वों की कमी ला सकता है और नुकसानदेह हो सकता है।
डॉक्टर से सलाह लेना जरूरी
ग्लूटेन से जुड़ी कोई भी समस्या महसूस हो, तो खुद से डाइट न बदलें। पहले डॉक्टर से जांच करवाएं और उनके निर्देश अनुसार ही ग्लूटेन फ्री डाइट अपनाएं।
ग्लूटेन फ्री डाइट सीलिएक, सेंसिटिविटी या एलर्जी वालों के लिए सही है, लेकिन बाकी लोगों को इसकी जरूरत नहीं होती। सेहत से जुड़ी और जानकारी के लिए पढ़ते रहें onlymyhealth.com