उड़द की दाल भारत की हर रसोई में बनाई जाती है और बहुत पसंद की जाती है। इससे कई टेस्टी चीजें जैसे डोसा और वड़ा भी बनता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि यह शुगर के पेशेंट्स के लिए नुकसानदायक हो सकती है। अगर आपको डायबिटीज की दिक्कत है, तो इसे खाने से पहले कुछ सावधानियां जरूरी हैं। आइए डायटीशियन डॉ वी डी त्रिपाठी जी से जानें इससे होने वाले नुकसान।
उड़द दाल से ब्लड शुगर पर असर
उड़द की दाल में कार्बोहाइड्रेट बहुत ज्यादा होता है, जिससे यह ग्लूकोज में जल्दी बदल सकता है। डायबिटीज के मरीजों के लिए अचानक ब्लड शुगर बढ़ना खतरनाक हो सकता है।
डाइजेस्टिव सिस्टम पर असर
उड़द दाल को डाइजेस्ट करना थोड़ा मुश्किल होता है, जिससे गैस, अपच और पेट फूलने की दिक्कत बढ़ सकती है। इसे खाने से डायबिटीज के मरीजों को असहज हो सकती है।
वेट बढ़ाने के लिए
डायबिटीज के पेशेंट्स को वेट कंट्रोल में रखना बहुत जरूरी होता है। उड़द दाल में कैलोरी ज्यादा होती है, जिससे वेट बढ़ सकता है और इंसुलिन रेजिस्टेंस पर असर कर सकता है।
किडनी पर दबाव
डायबिटीज के मरीजों को किडनी से जुड़ी दिक्कत का खतरा ज्यादा होता है। उड़द दाल में प्रोटीन ज्यादा होता है, जिससे ज्यादा खाने पर किडनी पर ज्यादा दबाव पड़ सकता है।
यूरिक एसिड और गठिया में खतरनाक
उड़द दाल शरीर में यूरिक एसिड का लेवल बढ़ा सकता है, जिससे जोड़ों में दर्द और गठिया की दिक्कत बढ़ सकती है। डायबिटीज के मरीजों के लिए यह दिक्कत और खतरनाक हो सकती है।
हाई-फाइबर डाइट से दिक्कत
उड़द की दाल में फाइबर भरपूर होता है, लेकिन इसे ज्यादा लेने से पेट में ऐंठन और दस्त की दिक्कत हो सकती है, खास कर डायबिटीज के पेशेंट्स के लिए।
खाने की सही मात्रा और तरीका
डायबिटीज के मरीजों के लिए उड़द दाल खाना तब फायदेमंद है, जब इसे सही तरीके और मात्रा में खाया जाए। इसे कम तेल और मसाले में पकाएं।
उड़द की दाल के बजाए डायबिटीज के पेशेंट्स मसूर, मूंग या चना दाल भी ले सकते हैं। कोई भी चीज लेने से पहले अपने डॉक्टर की सलाह जरूर लें। स्वास्थ्य से जुड़ी और जानकारी के लिए पढ़ते रहें onlymyhealth.com