कई लोग सोचते हैं कि केला मीठा फल है, इसलिए डायबिटीज में इसे नहीं खाना चाहिए। लेकिन क्या ये सच है? आइए जानते हैं वैज्ञानिक नजरिए से। आइए समझते हैं।
केले में क्या होता है?
केले में प्राकृतिक शुगर (जैसे ग्लूकोज और फ्रुक्टोज), फाइबर, पोटैशियम और विटामिन B6 होता है। यह शरीर को एनर्जी देता है, लेकिन इसका असर पकने के स्तर पर निर्भर करता है।
ग्लाइसेमिक इंडेक्स क्या कहता है?
ग्लाइसेमिक इंडेक्स (GI) यह बताता है कि कोई फूड ब्लड शुगर को कितनी तेजी से बढ़ाता है। कच्चे या अधपके केले का GI कम होता है यानी यह धीरे-धीरे शुगर बढ़ाता है।
पके और अधपके केले में फर्क
अधपके केले में फाइबर और रेसिस्टेंट स्टार्च ज्यादा होता है, जो ब्लड शुगर कंट्रोल में मदद करता है। पके केले में शुगर ज्यादा हो जाती है, जिससे ब्लड शुगर थोड़ा तेजी से बढ़ सकता है।
डायबिटीज वाले लोग केला खा सकते हैं?
Pubmed की एक स्टडी के अनुसार, डायबिटीज के मरीज केला का सकते हैं, लेकिन सीमित मात्रा में और सही समय पर। एक छोटा या अधपका केला खाना ज्यादातर डायबिटिक लोगों के लिए सुरक्षित माना जाता है।
खाली पेट केला खाना सही है?
खाली पेट केला खाना डायबिटिक लोगों के लिए सही नहीं माना जाता। इसे स्नैक या मील के साथ खाने से शुगर लेवल पर असर कम होता है।
अच्छे तरीके से केला कैसे खाएं?
केला को दही, मुट्ठीभर नट्स या ओट्स जैसे फाइबर और प्रोटीन वाले फूड्स के साथ खाएं ताकि शुगर लेवल धीरे बढ़े और लंबे समय तक एनर्जी मिले।
कितना केला खाना ठीक रहेगा?
एक बार में 1 छोटा केला (100 ग्राम से कम) खाया जा सकता है। दिन में एक से ज्यादा केले खाने से ब्लड शुगर बढ़ने का खतरा हो सकता है, खासकर पका केला होने पर।
केला पूरी तरह से हेल्दी फल है। डायबिटीज वाले लोग भी इसे खा सकते हैं, बस मात्रा और पकने की अवस्था का ध्यान रखें। संतुलन और समझदारी से खानपान सबसे जरूरी है। सेहत से जुड़ी और जानकारी के लिए पढ़ते रहें onlymyhealth.com