अगर आपके बाल दिन-ब-दिन पतले होते जा रहे हैं, तो इसका कारण आपका शैम्पू हो सकता है। कुछ इंग्रीडिएंट्स बालों को नुकसान पहुंचाते हैं और उन्हें कमजोर बना देते हैं। तो आइए डर्मेटोलॉजिस्ट डॉ देवेश मिश्रा से जानते हैं शैंपू में कौन से इंग्रीडिएंट्स नहीं होने चाहिए।
सल्फेट्स
सल्फेट्स, जैसे कि SLS (Sodium Lauryl Sulfate), शैम्पू में झाग बनाने के लिए डाले जाते हैं। लेकिन ये स्कैल्प की नेचुरल नमी को खत्म कर देते हैं जिससे बाल ड्राई और कमजोर हो जाते हैं।
पैराबेन्स
पैराबेन्स शैम्पू की शेल्फ लाइफ बढ़ाते हैं। मगर ये हार्मोनल बैलेंस बिगाड़ सकते हैं और बालों की जड़ों को नुकसान पहुंचा सकते हैं जिससे बाल झड़ने लगते हैं।
सिलिकॉन
सिलिकॉन बालों को तुरंत स्मूथ और चमकदार बनाता है, लेकिन ये बालों पर लेयर बना देता है। इससे बालों को पोषण नहीं मिल पाता और वे धीरे-धीरे पतले होने लगते हैं।
अल्कोहल
शैम्पू में मौजूद कुछ तरह के अल्कोहल जैसे Isopropyl Alcohol बालों को बहुत ज्यादा ड्राई बना सकते हैं। इससे बाल जल्दी टूटने लगते हैं और घनापन कम हो जाता है।
आर्टिफिशियल फ्रेगरेंस
जो शैम्पू बहुत तेज खुशबू देते हैं, उनमें आर्टिफिशियल फ्रेगरेंस हो सकता है। ये स्कैल्प को इरिटेट कर सकते हैं और बालों की हेल्थ को बिगाड़ सकते हैं।
फॉर्मल्डिहाइड
कुछ शैम्पूज में यह केमिकल प्रिजर्वेटिव की तरह छिपा होता है। यह न केवल बालों को नुकसान पहुंचाता है, बल्कि स्किन एलर्जी का भी कारण बन सकता है।
बेहतर विकल्प क्या है?
हमेशा ऐसा शैम्पू चुनें जो Sulfate-free, Paraben-free और Alcohol-free हो। नेचुरल इंग्रीडिएंट्स जैसे आंवला, भृंगराज, एलोवेरा वाले शैम्पू बालों को पोषण देते हैं।
बालों को हेल्दी रखने के लिए सिर्फ तेल और डाइट नहीं, बल्कि सही शैम्पू का चुनाव भी जरूरी है। अगली बार शैम्पू खरीदते समय उसकी इंग्रीडिएंट लिस्ट जरूर पढ़ें। सेहत से जुड़ी और जानकारी के लिए पढ़ते रहें onlymyhealth.com