खाली पेट दौड़ना कुछ लोगों के लिए तेजी से फैट बर्न करने और स्टेमिना बढ़ाने का आसान तरीका है, लेकिन इसके कुछ नुकसान भी हो सकते हैं। आइए योगा एक्सपर्ट ऋपसी अरोड़ा से जानें इसके फायदे और जोखिम।
तेजी से फैट बर्न करने में मददगार
खाली पेट दौड़ने से शरीर फैट को एनर्जी में बदलता है। इससे तेजी से फैट बर्न होता है और वजन घटाने में मदद मिलती है। वजन घटाना चाहते हैं तो यह तरीका उपयोगी हो सकता है।
एनर्जी का किफायती उपयोग
जब पेट खाली होता है, शरीर ग्लाइकोजिन को कम खर्च करता है। इससे एनर्जी का उपयोग धीमा होता है और शरीर लंबे समय तक एक्टिव बना रहता है। यह सहनशक्ति बढ़ाने में मदद करता है।
पाचन तंत्र को मिलती है मजबूती
खाली पेट दौड़ने से पाचन क्रिया में सुधार होता है। इससे एसिडिटी, गैस, और अपच जैसी समस्याओं में राहत मिल सकती है। यह पेट को हल्का और एक्टिव बनाए रखने में सहायक है।
थकान जल्दी महसूस हो सकती है
खाली पेट दौड़ते समय शरीर में ग्लूकोज की कमी हो जाती है, जिससे थकान जल्दी महसूस होती है। यदि स्टेमिना कम है, तो यह दौड़ना भारी पड़ सकता है।
चोट लगने का बढ़ जाता है खतरा
थकान बढ़ने पर एकाग्रता कम हो जाती है, जिससे रनिंग के दौरान गिरने या चोट लगने का खतरा ज्यादा रहता है। ब्रेन को ग्लूकोज न मिलने से यह रिस्क और बढ़ सकता है।
मांसपेशियों की ताकत घट सकती है
खाली पेट अधिक दौड़ने से कोर्टिसोल का स्तर बढ़ता है, जिससे मांसपेशियों में मौजूद प्रोटीन टूटने लगता है। इससे मसल्स कमजोर हो सकते हैं और फिटनेस में गिरावट आ सकती है।
धीमी गति से दौड़ना ज्यादा फायदेमंद
योग एक्सपर्ट के अनुसार खाली पेट तेज दौड़ने के बजाय हल्के रनिंग या जॉगिंग करना ज्यादा सुरक्षित और लाभदायक है। इससे स्टेमिना बेहतर होता है और थकान कम महसूस होती है।
खाली पेट दौड़ने से पहले डॉक्टर या फिटनेस एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें। यदि कमजोरी महसूस हो तो पहले हल्का कुछ खाकर दौड़ें। हेल्थ से जुड़ी और जानकारी के लिए पढ़ते रहें onlymyhealth.com