Intermittent fasting का मतलब होता है एक तय समय के लिए खाना छोड़ देना। जैसे 16 घंटे उपवास और 8 घंटे खाने का समय। कई लोगों का मानना है कि इससे शरीर रिपेयर होता है। आइए PubMed की एक रिपोर्ट से जाने यह सच है या नहीं।
शरीर खुद को रिपेयर कब करता है?
जब आप लंबे समय तक कुछ नहीं खाते, तब शरीर अपनी ऊर्जा सेल्स के पुराने हिस्सों को साफ करने में लगाता है। इस प्रक्रिया को Autophagy कहा जाता है।
Autophagy क्यों जरूरी है?
Autophagy का मतलब है, “सेल्स की सफाई”। इसमें खराब या बेकार हो चुकी कोशिकाएं हटती हैं और नई बनने लगती हैं। यह शरीर की प्राकृतिक मरम्मत प्रणाली है।
कब होता है यह?
Autophagy आमतौर पर 14-16 घंटे के उपवास के बाद शुरू होती है। इसका असर आपके डाइट, उम्र और एक्टिविटी लेवल पर भी निर्भर करता है।
दिमाग और हार्ट को भी फायदा
Intermittent fasting से दिमाग की कोशिकाएं भी रिपेयर होती हैं। हार्ट हेल्थ बेहतर होती है, और स्ट्रेस लेवल घटता है।
सूजन में कमी आती है
फास्टिंग शरीर में मौजूद सूजन को कम करती है, जो कई बीमारियों की जड़ होती है। इससे शरीर को खुद को ठीक करने में मदद मिलती है।
डायबिटीज और मोटापे में फायदा
कई स्टडीज के अनुसार, इंटरमिटेंट फास्टिंग से इंसुलिन सेंसिटिविटी बढ़ती है, जिससे ब्लड शुगर कंट्रोल रहता है और वजन घटाने में मदद मिलती है।
हर किसी के लिए नहीं है सही
अगर आप किसी बीमारी से पीड़ित हैं, दवा लेते हैं या गर्भवती हैं, तो डॉक्टर की सलाह के बिना फास्टिंग न करें। हर शरीर की जरूरत अलग होती है।
अगर आप हेल्दी हैं और फिटनेस की तरफ बढ़ना चाहते हैं, तो इंटरमिटेंट फास्टिंग एक अच्छा विकल्प हो सकता है। यह सिर्फ वजन घटाने नहीं, बल्कि शरीर की रख-रखाव प्रणाली को भी मजबूत करता है। सेहत से जुड़ी और जानकारी के लिए पढ़ते रहें onlymyhealth.com