बच्चों में कभी-कभी पीठ दर्द खेल-कूद या हल्की चोट के कारण हो सकता है, लेकिन लगातार दर्द होना सामान्य नहीं है। यह किसी गंभीर समस्या का संकेत हो सकता है, जिसे नजरअंदाज करना खतरनाक हो सकता है। ऐसे में आइए डॉ. अरविंद बडिगर से जानते हैं इससे जुड़े लक्षण और बचाव के तरीके।
लंबे समय तक दर्द होना
अगर बच्चा हफ्तों तक दर्द महसूस कर रहा है या उसकी दिनचर्या प्रभावित हो रही है, तो यह चिंता का विषय है। लगातार दर्द की वजह से खेलना, पढ़ाई करना या आराम करना मुश्किल हो सकता है।
रीढ़ की हड्डी से जुड़ी समस्याएं
कई बार बच्चों का दर्द सामान्य मांसपेशियों के खिंचाव के कारण होता है, लेकिन गंभीर मामलों में यह स्कोलियोसिस (रीढ़ की हड्डी का टेढ़ापन) या स्पॉन्डिलोलिसिस (हड्डियों में दरार) जैसी समस्याओं से जुड़ा हो सकता है।
कब जाएं डॉक्टर के पास?
अगर दर्द के साथ सुन्नपन, झनझनाहट, मांसपेशियों की कमजोरी या चलने में दिक्कत हो, तो यह नर्वस सिस्टम या रीढ़ की समस्या का संकेत हो सकता है। ऐसी स्थिति में तुरंत डॉक्टर से परामर्श लें।
रात में दर्द होना गंभीर है
रात में तेज दर्द होना या सोते समय बार-बार जागना सामान्य नहीं है। यह किसी अंदरूनी समस्या की ओर इशारा कर सकता है, जिसके लिए एक्स-रे या एमआरआई जैसी जांच जरूरी हो सकती है।
संक्रमण और अन्य गंभीर कारण
अगर पीठ दर्द के साथ बुखार, वजन कम होना या सेहत में गिरावट हो, तो यह संक्रमण या किसी गंभीर बीमारी का संकेत हो सकता है। इसे अनदेखा करना खतरनाक साबित हो सकता है।
बच्चे की रीढ़ का ख्याल कैसे रखें?
बच्चे की रीढ़ को स्वस्थ रखने के लिए सही तरीके से बैठना और पढ़ाई के दौरान सीधा बैठना जरूरी है। स्कूल बैग को दोनों कंधों पर संतुलित रूप से टांगने से भी रीढ़ पर दबाव कम होता है।
नियमित व्यायाम के फायदे
व्यायाम और स्ट्रेचिंग बच्चों की मांसपेशियों को मजबूत और लचीला बनाते हैं। एक शोध के मुताबिक, नियमित व्यायाम से पीठ दर्द में कमी लाई जा सकती है और यह रीढ़ की सेहत को बेहतर बनाए रखता है।
अगर बच्चे का दर्द लंबे समय तक बना रहता है या अन्य लक्षणों के साथ आता है, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। स्वास्थ्य से जुड़ी और जानकारी के लिए पढ़ते रहें onlymyhealth.com