हर साल लाखों महिलाएं स्तन कैंसर से जान गंवाती हैं। यह बीमारी कई कारणों से हो सकती है, तो क्या यह बीमारी मोटापे के कारण भी हो सकती है? आइए डॉक्टर रमन कुमार से जानते हैं इसी सवाल का जवाब।
क्या मोटापा है कारण?
अध्ययन बताते हैं कि मोटापे से ग्रसित महिलाओं में स्तन कैंसर का जोखिम ज्यादा होता है, खासकर मेनोपॉज के बाद। यह एस्ट्रोजन हार्मोन के कारण होता है।
मेनोपॉज के बाद बढ़ता जोखिम
मेनोपॉज के बाद ओवरी एस्ट्रोजन बनाना बंद कर देती है। लेकिन फैट टिशू से यह हार्मोन बनता रहता है, जिससे कैंसर सेल्स एक्टिव हो सकती हैं।
50 की उम्र में जोखिम ज्यादा
50 वर्ष या उससे ज्यादा उम्र की मोटी महिलाओं में स्तन कैंसर का खतरा कई गुना बढ़ सकता है। वजन कंट्रोल बहुत जरूरी है।
फैटी टिशू और एस्ट्रोजन
शरीर में ज्यादा फैट, ज्यादा एस्ट्रोजन का कारण बनता है। यह हार्मोन स्तन कैंसर को बढ़ावा देने वाले तत्वों में से एक है।
अन्य हार्मोनल बदलाव
मोटापे के कारण मेनोपॉज के समय अन्य हार्मोन्स में भी बदलाव होता है, जो स्तन कैंसर के विकास में सहायक हो सकते हैं।
बचाव के उपाय
वजन को कंट्रोल में रखना, नियमित व्यायाम, संतुलित आहार, और अल्कोहल व स्मोकिंग से परहेज करके स्तन कैंसर का जोखिम घटाया जा सकता है।
सही डाइट अपनाएं
ऐंटी-ऑक्सीडेंट्स से भरपूर डाइट, जैसे फल, सब्जियां और साबुत अनाज, ब्रेस्ट कैंसर से सुरक्षा प्रदान कर सकते हैं।
शारीरिक रूप से एक्टिव रहना, रोजाना हल्की-फुल्की एक्सरसाइज करना स्तन कैंसर ही नहीं, बल्कि अन्य बीमारियों से भी बचाव करता है। सेहत से जुड़ी और जानकारी के लिए पढ़ते रहें onlymyhealth.com