आयुर्वेद में डाइजेस्टिव सिस्टम को हेल्दी रखने के लिए कई जड़ी-बूटियों और औषधियों का उल्लेख किया गया है। खराब पाचन होने से न केवल गैस, एसिडिटी और कब्ज की दिक्कत होती है, बल्कि पूरे शरीर पर खराब असर पड़ता है। इसे लेख में हम 5 ऐसे चूर्ण के बारे में जानेंगे, जो पेट को स्वस्थ रखने में बहुत फायदेमंद हैं।
पेट की सफाई के लिए त्रिफला चूर्ण
त्रिफला चूर्ण आंवला, हरड़ और बहेड़ा के मिक्सचर से बनता है। इसे खाने से आंतों की सफाई होती है और कब्ज की दिक्कत दूर करने में मदद मिलती है। रात को गुनगुने पानी के साथ इसे खाने से डाइजेशन अच्छा होता है।
हिंग्वाष्टक चूर्ण अपच में लाभकारी
इस चूर्ण में हींग, सौंठ, अजवाइन, काली मिर्च, पिपली और कई अन्य औषधी होती हैं। इससे पेट में गैस, भारीपन और अपच को कम करने में मदद मिलती है। खाने के बाद इसे गर्म पानी या घी के साथ खाने से तुरंत असर होगा।
अविपत्तिकर चूर्ण एसिडिटी के लिए
अविपत्तिकर चूर्ण को खाने से पेट में बनने वाला एसिड कंट्रोल करने में मदद मिलती है। इससे जलन, खट्टी डकारों और एसिडिटी से आराम मिलता है। इसमें मौजूद आंवला, सौंफ, हरड़ और मिश्री से पेट को ठंडक मिलती है।
पिप्पली चूर्ण कमजोर डाइजेशन के लिए
पिप्पली चूर्ण डाइजेस्टिव फायर को बढ़ाता है, जिससे खाना जल्दी डाइजेस्ट होता है। यह चूर्ण भूख बढ़ाने और डाइजेस्टिव सिस्टम को हेल्दी रखने में मदद करता है। इसको शहद के साथ लेना फायदेमंद होता है।
इसबगोल चूर्ण आंतों की सफाई के लिए
इसबगोल नेचुरली आंतों को साफ करने में और कब्ज को दूर करने में मदद करता है। यह पानी को अब्जॉर्ब करके मल को नरम करता है, जिससे पेट आसानी से साफ होता है।
आयुर्वेदिक चूर्ण खाने का सही तरीका
इन आयुर्वेदिक चूर्ण को सही मात्रा में और टाइम पर लेना जरूरी है। त्रिफला और इसबगोल को रात में लिया जाता है, जबकि हिंग्वाष्टक और पिप्पली चूर्ण को खाने के बाद खाया जाता है।
हेल्दी डाइजेशन के लिए आयुर्वेदिक टिप्स
आयुर्वेदिक चूर्ण के साथ दिन भर पर्याप्त पानी पिएं, हल्का और डाइजेस्टिबल खाना खाएं और रोजाना योग-प्राणायाम करें। इससे पेट हेल्दी रहेगा और डाइजेशन भी अच्छा होगा।
आयुर्वेदिक चूर्ण नेचुरली डाइजेशन को स्ट्रांग करने में मदद करते हैं जिससे आप एनर्जी रहते हैं। स्वास्थ्य से जुड़ी और जानकारी के लिए पढ़ते रहें onlymyhealth.com