
ल्यूकीमिया में डाक्टर को कब संपर्क करें : आइए जानें और कौन-कौन से लक्षण जिनके दिखाएं देने पर डाक्टर से संपर्क करना चाहिए।
ल्यूकीमिया को रक्त कैंसर के नाम से भी जाना जाता है। इससे यह बात स्पष्ट होती है कि ल्यूकीमिया रक्त बनने की प्रक्रिया को बहुत अधिक प्रभावित करता है। वैसे तो ल्यूकीमिया के लक्षण कैंसर के लक्षणों के जैसे ही होते हैं लेकिन इसको पहचानने के कुछ खास लक्षण भी हैं। अगर आपको कम समय में जल्दी–जल्दी संक्रमण हो रहा है या असामान्य रक्तस्राव या सूजन है, बिना कारण वज़न कम हो रहा है, अक्सर थकान रहती है या ल्यूकीमिया के दूसरे लक्षण दिखते हैं तो ऐसे में डाक्टर से तुरंत सम्पर्क करें। अगर आपमें ल्यूकीमिया की पुष्टि होती है तो किसी ऐसे अस्पताल में जायें जो विशेष कैंसर केन्द्र हो। आइए जानें और कौन-कौन से लक्षण जिनके दिखाएं देने पर डाक्टर से संपर्क करना चाहिए।
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डाक्टर से संपर्क
- बारबार संक्रमण, तेज बुखार और शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता में कमी के कारण स्वास्थ्य बिगडना।
- लाल रक्त कोशिकओं के अल्प संचलन के कारण एनीमिया होना।
- हर समय थकान और कमजोरी महसूस करना।
- नाक-मसूड़ों इत्यादि से खून बहने की शिकायत।
- प्लेटलेट्स का गिरना।
- कैंसर कोशिकाओं के प्रभाव के कारण हड्डियों और जोडों में दर्द होना।
- लिम्फ नोड्स और लीवर की वृद्धि के कारण शरीर में गांठ या सूजन होना।
- अकसर सिरदर्द या फिर माइग्रेन की शिकायत होना।
- किसी चीज के होने का बार-बार भ्रम होना।
- असमय उल्टियां होना।
- त्वचा में जगह-जगह रैशेज की शिकायत होना।
- बिना किसी कारण के असामान्य रूप से वजन का कम होना।
- जबड़ों में सूजन आना या फिर रक्त का बहना।
- भूख ना लगने की समस्या होना।
- यदि चोट लगी है तो चोट का निशान पड़ जाना।
इनमें से अगर आपको कोई भी लक्षण दिखाई दें तो तुरन्त अपने डाक्टर से संपर्क करें।
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