
ल्यूकीमिया 20 साल से कम उम्र के बच्चो और किशोरों में पाया जाने वाला सामान्य कैंसर का प्रकार है।
ल्यूकीमिया ब्लड कैंसर का ही एक प्रकार है जो अस्थि मज्जा में निर्मित होता है और खून में इसका विकास होता है। रक्त कैंसर की कोशिकाएं धीरे-धीरे बढती हैं और मरीज के लिए खतरनाक हो सकती हैं। रक्त कैंसर से आदमी की मौत भी हो सकती है।
भारत में हर साल लगभग 50 हजार से ज्यादा लोगों में ल्यूकीमिया के लक्षण पाए जाते हैं, जिनमें से हजारों की मौत का कारण ल्यूकीमिया होता है। रक्त कैंसर के निदान के बाद इसका इलाज संभव है। ल्यूकीमिया के चार प्रकार होते हैं - एक्यूट लिंफोब्लास्टिक ल्यूकीमिया, क्रोनिक लिम्फोसाइटिक ल्यूकीमिया, एक्यूट माइलोजेनस ल्यूकीमिया और क्रोनिक माइलोजेनस ल्यूकीमिया। आइए हम आपको रक्त कैंसर से संबंधी कुछ तथ्य बताते हैं।
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बच्चों में ल्यूकीमिया –
ल्यूकीमिया 20 साल से कम उम्र के बच्चो और किशोरों में पाया जाने वाला सामान्य कैंसर का प्रकार है। बच्चो में ल्यूकीमिया की वजह से कैंसर के तीन मरीजों में से एक की मौत हो जाती है। गर्भावस्था के दौरान धूम्रपान करने से बच्चे को ल्यूकीमिया होने का खतरा होता है।
ल्यूकीमिया का इलाज संभव –
ल्यूकीमिया का इलाज संभव है। रेडिएशन थेरेपी, कीमोथेरेपी, बॉयोलॉजिकल थेरेपी, स्टेम सेल ट्रांसप्लांट थेरेपी के जरिए इसका इलाज संभव है। इसके अलावा ल्यूकीमिया के उपचार के लिए कई वैकल्पिक चिकित्साएं भी हैं।
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ल्यूकीमिया की चिकित्सा के बाद -
कीमोथेरेपी या रेडिएशन थेरेपी के बावजूद भी ल्यूकीमिया के फैलने का खतरा होता है। क्योंकि इन थेरेपी से कैंसर की सभी कोशिकाएं समाप्त नहीं होती हैं उसके अलावा रेडिएशन से आसपास की स्वस्थ कोशिकाएं भी समाप्त हो जाती हैं जिस कारण दोबारा ल्यूकीमिया फैलने का खतरा होता है।
ल्यूकीमिया के जोखिम कारक -
ल्यूकीमिया होने के प्रमुख कारणों का पता नहीं चल पाया है। रेडिएशन, केमिकल्स के संपर्क में आना, आनुवांशिक, धूम्रपान इसके फैलने के प्रमुख कारण हैं। रेडिएशन और केमिकल्स ल्यूकीमिया के लिए जोखिम हो सकते हैं।
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ल्यूकीमिया और जीने की अवधि -
ल्यूकीमिया सेल्स किसी भी उम्र में आदमी को हो सकता है लेकिन 30 साल की उम्र के बाद इसके बढने का खतरा ज्यादा रहता है। ल्यूकीमिया की कोशिकाओं का निदान होने पर इसका इलाज संभव है। लेकिन ल्यूकीमिया का मरीज कैंसर के साथ 5 साल या उससे अधिक तक जिंदा रह सकता है।
ल्यूकीमिया संबंधी भ्रम -
- ल्यूकीमिया किसी भी उम्र में और हर किसी को हो सकता है। बच्चों, महिलाओं और आदमियों को।
- ल्यूकीमिया महिलाओं और पुरूषों में समान रूप से होता है। महिलाओं में पुरूषों की तुलना में ल्यूकीमिया होने का खतरा कम होता है।
- मांस खाने से ल्यूकीमिया नहीं होता है जबकि रेड मीट ल्यूकीमिया का प्रमुख कारण होता है।
- अन्य कैंसर की तुलना में ल्यूकीमिया ज्यादा खतरनाक होता है क्योंकि कैंसर के 10 मरीज में से 4 की मौत ल्यूकीमिया से होती है।
- ल्यूकीमिया ब्लड कैंसर का ही प्रकार है, जो कि रक्त में होता है।
- धूप में जाने से ल्यूकीमिया के होने का खतरा नहीं होता है।
- सर्जरी ल्यूकीमिया के खतरे को बढाता है।
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