
यदि आप पहले से धूम्रपान करते हैं तो इसे छोड़ने में मदद के कारगर उपायों के बारे में अपने डॉक्टदर से पूछें।
फेफड़े के कैंसर में जब कैंसर के सेल्स असामान्य रूप से बढ़ते हैं तब यह बहुत घातक हो जाता है। कैंसर के इस प्रकार में सबसे ज्यादा दिक्कत सांस लेने में होती है। शुरूआत में कैंसर के सेल्स फेफड़े में होते हैं और धीरे-धीरे पूरे चेस्ट में फैल जाते हैं।
धूम्रपान करने से फेफड़े के कैंसर होने का सबसे ज्यादा खतरा होता है। यदि आप पहले से धूम्रपान करते हैं तो लंग कैंसर होने की ज्यादा संभावना होती है। इसके अलावा अगर शरीर के अन्य हिस्से में कैंसर हो जाता है तो वह फेफड़ों में भी फैल सकता है। आइए हम आपको फेफड़े के कैंसर से बचने के तरीकों के बारे में बताते हैं।
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लंग कैंसर से बचने के टिप्स -
धूम्रपान से बचें -
स्मोंकिंग कैंसर के इस प्रकार के लिए सबसे ज्यादा जिम्मेदार होता है। धूम्रपान फेफड़ों के कैंसर का सबसे आम कारण है। धूम्रपान न केवल सिगरेट पीने वालों, बल्कि धुएं के संपर्क में आने वाले अन्य व्यक्तियों को भी प्रभावित करता है। अधिकांश लोग सोचते है कि बीड़ी पीने से फेफड़ों का कैंसर कम होता है, यह एक भ्रामक धारणा है। सर्वेक्षण दर्शाते है कि सिगरेट से ज्यादा बीड़ी फेफड़ों को नुकसान पहुंचाती है। इसलिए धूम्रपान करने से बचें।
अधिक शराब न पियें -
ज्यादा मात्रा में एल्कोहल का सेवन करने से भी लंग कैंसर होता है। अधिक शराब भी फेफड़े के कैंसर को निमंत्रण देता है। शराब के साथ सिगरेट पीने की आदत तो फेफड़े के कैंसर की संभावना को कई गुना बढ़ा देती है। लोग आमतौर पर इस समस्या की ओर जब तक तवज्जो देते हैं, तब तक काफी देर हो चुकी होती है और रोग पूरी तरह से फैल चुका होता है।
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एस्बेस्टोस के संपर्क से बचें -
एस्बेस्टोस के संपर्क में कम रहें। एस्बेस्टोस की छोटी-सी मात्रा भी खतरनाक हो सकती है क्योंकि एस्बेस्टोस से बचने का बिल्कुल सुरक्षित तरीका कोई नहीं है। अपने घर में एस्बेस्टोस वाले हिस्सों की जांच करें, जिनमें इन्शुलेशन हो या अन्य ऐसे क्षेत्र जहां ऐस्बेस्टास की सम्भावना हो, यदि पुराना घर हो तो जरूर जांच करें।
यदि एस्बेस्टोस को ठीक तरह से नहीं हटाया गया तो इसकी मात्रा बढ़कर फिर से अधिक हो सकती है। प्रतिदिन एस्बेस्टोस वाले सामानों के साथ काम करने वाले मजदूरों को इसके सम्पर्क में आने से पहले कारगर उपाय अपनाने चाहिए और अपने कपड़ों के साथ एस्बेस्टोस को घर लाने से बचना चाहिए।
अन्य खतरे-
श्रमिकों को लंग कैंसर होने की ज्यादा संभावना होती है। खासकर उन श्रमिकों को जो लंबे समय से किसी कारखाने में काम कर रहे हैं। जैसे- कोयला, आर्सेनिक, अखबार मुद्रण, सरसों गैस और यहां तक कि सोने की खान में काम करने वाले श्रमिकों में फेफड़े का कैंसर होने का जोखिम ज्यादा होता हैं।
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