
भारत में महिलाओं की स्थिति चाहे कितनी भी बदल गयी हो लेकिन आज भी बहुत सी महिलाएं अपने स्वास्थ्य का ध्यान नहीं दे पातीं
भारत में महिलाओं की स्थिति चाहे कितनी भी बदल गयी हो लेकिन आज भी बहुत सी महिलाएं अपने स्वास्थ्य का ध्यान नहीं दे पातीं ा
अगर आपको इन्टरकोर्स के दौरान लगातार ब्लीडिंग होती है या अत्यधिक पीड़ा होती है ा अगर आपका वज़न कम हो रहा है या कहीं भूख नहीं लगती तो ये लक्षण सर्वाइकल कैंसर के हो सकते हैं ा अगर ऐसा लम्बे समय तक होता है तो लापरवाही ना करें क्योंकि हो सकता है कि अधिक समय तक लापरवाही के बाद इसका इलाज़ दवाओं से भी सम्भव ना हो ा यह कैंसर का दूसरा सबसे ज़्यादा भयावह रूप है जिससे कि भारत में लगभग 200 महिलाएं हर रोज़ मौत की चपेट में आ रही हैं ा
बहुत से एशियन और अफ्रीकन देश इस बीमारी से बुरी तरह से ग्रसित हैं ा
सर्वाइकल कैंसर के लक्षण लगभग 5 से 10 साल बाद कैंसर सेल्स में नज़र आते हैं और फिर यह सेल्स शरीर में मौजूद गहरे टिशूज़ को भी प्रभावित करते हैं ा जब कैंसर बहुत प्रभावी हो जाता है तब भी इसका इलाज आसानी से सम्भव है ा लेकिन जब यह पेल्विस से वैजाइना ,यूटेरस , ब्लैडर और रेक्टम में फैल जाता है तो इसका इलाज सम्भव नहीं होता ा
जब सर्वाइकल कैंसर एडवांस स्टेज में होता है तो इसके लक्षण दिखने लगते हैं ा
सर्वाइकल कैंसर के लक्षणः
पेल्विक पेन
लगातार रहने वाला पेल्विक पेन जो दूसरे कारणों से नहीं जुड़ा हो जैसे मेन्सरूएशन या फिज़िकल एक्ज़र्शन से ा ऐसा दर्द समय समय पर आता जाता रहे ा
सेक्सुअल इन्टरकोर्स के दौरान होने वाला दर्द
कुछ महिलाओं में वैजाइनल इन्टरकोर्स के दौरान अत्यधिक दर्द होता है ा यह दर्द नार्मल होने के बाद भी असहनीय होता है ा
ऐबनार्मल ब्लीडिंग
असाधारण वैजाइनल ब्लीडिंग सर्वाइकल कैंसर का सबसे बड़ा लक्षण है ा सेक्स के बाद या पीरियड्स के दौरान अगर आपको असाधारण ब्लीडिंग हो रही है तो यह भी घातक हो सकता है ा बिना कारण होने वाली ब्लीडिंग को नज़रअंदाज़ ना करें और ऐसी स्थिति में तुरंत डॉक्टर से सम्पर्क करें ा
वैजाइनल डिस्चार्ज
वैजाइनल डिस्चार्ज महिलाओं की स्थिति जानने के लिए उनमें होने वाली बहुत ही आम स्थिति है ा सर्वाइकल कैंसर जैसी स्थिति में वैजाइनल डिस्चार्ज दुर्गन्ध या बिना किसी प्रकार के गंध के हो सकता है ा
सर्वाइकल कैंसर होने का एक बड़ा कारण धूम्रपान भी हो सकता है ा
महिलाओं में धूम्रपान एक बहुत ही आम आदत बन गयी है जिसके कारण बहुत सी दूसरी बीमारियां भी हो सकती हैं ा धूम्रपान के अलावा डायटरी फैक्टर ,मल्टीपल प्रेगनेंसी, हार्मोनल कान्ट्रासेप्शन से भी सर्वाइकल कैंसर हो सकता है ा
इस बीमारी से बचने के लिए स्वस्थ्य और सेफ सेक्स बहुत ही ज़रूरी है और इस बीमारी का मुख्य कारक पैपिलोमा वायरस है ा
सर्वाइकल कैंसर की चिकित्सा और इससे बचाव
सर्वाइकल कैंसर की चिकित्सा दो तरीके से होती है मेडिकल ट्रीटमेंट और सर्जरी ा
मेडिकल ट्रीटमेंट
सर्वाइकल कैंसर के ज़्यादातर केसेज़ शुरूवाती दिनों में ही ठीक हो जाते हैं ा इस बीमारी से बचने का एक और तरीका है रेगुलर पैप टेस्ट ा अगर किसी व्यक्ति में कैंसर के कुछ सामान्य लक्षण पाये गये हैं तो ऐसी स्थिति में कैंसर को सिवियर होने से रोका जा सकता है ा
युवावस्था में सेक्सुअल एक्टिविटी के दौरान रिस्क फैक्टर से बचें ा सेक्सुअल एक्टिविटी के दौरान एच पी वी इन्फेक्शन से बचें ा
धूम्रपान ना करने के साथ ऐसे सभी कारणों से बचें जिनसे कि कैंसर हो सकता है ा
सर्जरी
सर्वाइकल कैंसर की चिकित्सा इस बीमारी की स्टेज पर निर्भर करती है ा इसकी चिकित्सा के तीन तरीके हैं सर्जरी ,रेडिएशन थेरेपी और कीमोथेरेपी ा रेडिकल हिस्टेरेक्टामी की मदद से पेल्विक रीज़न से यूटेरस ,ओवरी और वैजाइना के ऊपरी हिस्से को निकाल दिया जाता है ा
रेडियेशन थेरेपी की मदद से एक्स रेज़ से कैंसर के सेल्स को निष्क्रिय किया जा सकता है ा एक्सटर्नल रेडियेशन थेरेपी की मदद से एक्स रेज़ को शरीर के पेल्विक रीज़न में फोकस किया जाता है ा इसे ब्रैच थेरेपी या इन्टरस्टिशियल थेरेपी कहते हैं ा पेल्विक रीजन में रेडियेशन थेरेपी के बहुत से प्रभाव हो सकते हैं ा
बहुत सी महिलाओं में सर्जरी और रेडियेशन थेरेपी दोनों ही की जाती है ा जब किसी महिला में रिकरेंट सर्वाइकल कैंसर पाया जाता है तो उसकी चिकित्सा के लिए पेल्विक एक्सोनरेशन नामक आपरेशन किया जाता है ा
इस आपरेशन में यूटेरस के अलावा सर्विक्स, वैजाइना, युराइनरी ब्लैडर और कोलन और रेक्टम का भी कुछ हिस्सा निकाल दिया जाता है ा ऐसी स्थिति में यूरीन और दूसरे वेस्ट को शरीर से बाहर निकालने के लिए सर्जरी से नया वैजाइना फिक्स किया जाता है ा
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