हृदय रोगियों के लिए अच्छी खबर है। वैज्ञानिकों ने एक ऐसी मशीन ईजाद की है जो हृदय की धड़कन नियंत्रित करके अचानक हार्ट फेल होने से मरने वालों को बचा सकेगी।
हृदय रोगियों के लिए अच्छी खबर है। वैज्ञानिकों ने एक ऐसी मशीन ईजाद की है जो हृदय की धड़कन नियंत्रित करके अचानक हार्ट फेल होने से मरने वालों को बचा सकेगी। इस मशीन को छाती में त्वचा के नीचे लगाया जाता है।
करीब 12 हजार पौंड (करीब आठ लाख रुपये) की सबक्यूटेनियस इंप्लांटेबल डीफाइब्रिलेटर (एस-आईसीडी) नामक मशीन को त्वचा के नीचे लगाया जाता है। जब दिल की धड़कनें असामान्य होने लगती है तो यह एक झटका देती है, फिर धड़कन को सामान्य बना देती है।
एस-आईसीडी विकसित करने वाली कंपनी के अनुसार, दिल की धड़कन की अनियमितता से जुड़ी बीमारी एरिथमिया से ग्रस्त लोगों पर बैटरी से चलने वाली इस मशीन का क्लीनिकल परीक्षण सफल रहा।
डेली मेल की रिपोर्ट के अनुसार, मशीन के परीक्षण में मदद करने वाले कैंब्रिज में पेपवर्थ अस्पताल के डा. एंड्रयू गे्रस ने कहा यह एक बड़ी सफलता है। उन्होंने कहा, 'वर्तमान में कई मरीज हृदय गति में गड़बड़ी के चलते मर जाते हैं। लेकिन त्वचा के नीचे लगने वाली इस मशीन से अब ऐसे लोगों को बचाया जा सकेगा।'
उन्होंने बताया कि यह मशीन हृदय गति को नियंत्रित करने के लिए बाजार में उपलब्ध परंपरागत उपकरणों से बेहतर काम करती है।
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