
अब आप खुलकर बिना किसी रोक-टोक के चाकलेट खा सकते हैं। वैज्ञानिकों का दावा है कि डार्क चाकलेट खाने से स्ट्रोक के दौरान दिमाग के क्षतिग्रस्त होने का खतरा काफी कम हो जाता है।
अब आप खुलकर बिना किसी रोक-टोक के चाकलेट खा सकते हैं। वैज्ञानिकों का दावा है कि डार्क चाकलेट खाने से स्ट्रोक के दौरान दिमाग के क्षतिग्रस्त होने का खतरा काफी कम हो जाता है।
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जान हापकिंस यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों के अनुसार चाकलेट में मौजूद एपीकेटेचिन यौगिक स्ट्रोक के दौरान दिमागी कोशिकाओं को नष्ट होने से बचाता है। वैज्ञानिकों ने अपने प्रयोग में चूहों को एपीकेटेचिन की खुराक दी। उसके बाद उनके दिमाग को रक्त पहुंचाने वाली नस को काटकर स्ट्रोक की स्थिति पैदा की।
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डेली मेल के अनुसार वैज्ञानिकों ने पाया कि एपीकेटेचिन वाले चूहों में स्ट्रोक के कारण दिमागी कोशिकाओं को कम नुकसान पहुंचा। जबकि बिना एपीकेटेचिन वाले चूहों की दिमागी कोशिकाएं अधिक क्षतिग्रस्त हो गई। वैज्ञानिकों का मानना है कि एपीकेटेचिन मनुष्यों के लिए भी फायदेमंद साबित हो सकता है।
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