गर्भावस्था में करें अपने दांतों की खास देखभाल

- हार्मोंन में बदलाव के कारण होती है दांतों की समस्या।
- सही देखभाल के अभाव में दांत जल्दी टूट भी सकते है।
- कैल्शियम को अधिक सेवन करने से दांत स्वस्थ रहते है।
- दांतों की अच्छी देखभाल के लिए मीठे से परहेज करें।
वैसे तो गर्भावस्था के दौरान कई बातों को खयाल रखना पड़ता हैं, लेकिन इस दौरान दांतों के स्वास्थ्य को बिल्कुल भी नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। गर्भावस्था के दौरान हार्मोंन में बदलाव के कारण मसूड़ों की बीमारी का खतरा काफी बढ़ जाता है। इसके अलावा गर्भावस्था के दौरान दांत मलिनकिरण यानी दांतों में पीलापन हो जाता है, जो कि गर्भावस्था के बाद भी स्थाई रह सकता है। कई बार दांत पीले भूरे रंग के भी हो जाते हैं। दांतों की सही देखभाल न करने पर दांत जल्दी टूट सकते है या दांतों में दर्द की शिकायत हो सकती हैं। इसलिए गर्भावस्था के दौरान दांतों की देखभाल की जरूरत बढ़ जाती है।
कैल्शियम की कमी का दांतों पर असर
गर्भाशय में जब बच्चे का शरीर बनना शुरू होता है तो सबसे पहले बच्चा मां के शरीर से कैल्शियम लेता है। जिसके कारण मां के शरीर में अचानक कैल्शियम की कमी होने लगती है। इसका असर आमतौर पर दांतों पर भी देखने को मिलता है। इस कारण दांतों के साथ-साथ मां के मसूड़ों को भी हानि होने लगती है। कई बार दांतों की ऊपरी परत भी खराब हो जाती है। गर्भावस्था के दौरान दांतों में होने वाले बदलाव का कारण कैल्शियम की कमी तथा हार्मोन्स में बदलाव होना भी हो सकता है।
बेहतर होगा कि आप गर्भवती होने से पहले ही अपने दांतों की जांच करा लें। इसके अलावा गर्भावस्था के दौरान दांतों की अच्छी से देखभाल कर आप डेंटल कैविटी, मसूड़ों का प्रदाह और सांसों की बदबू की समस्या से दूर रह सकते हैं।
गर्भावस्था के दौरान बेहतर दांतों की देखभाल के लिए नियमित ब्रश और फ्लॉस करें। कैल्शियम युक्त भोजन का अधिक से अधिक मात्रा में उपयोग करें तथा दांतों के डॉक्टर से सलाह ले लेना चाहिए। इसके अलावा आप दांतों की देखभाल के लिए और भी बहुत कुछ कर सकती हैं। गर्भावस्था के दौरान दांतों के स्वास्थ्य को बनाये रखने के लिए यहां दी बातों का भी खयाल रखें।
कैल्शियम का सेवन
गर्भावस्था के दौरान कैल्शियम को अधिक सेवन करने से आपके दांत स्वस्थ रहेंगे। गर्भावस्था के दौरान ज्यादा कैल्शियम की जरूरत होती है, इसलिए इसके सेवन पर विशेष ध्यान दें।
ज्यादा मीठा खाने से बचें
गर्भावस्था के दौरान मीठा खाने की बहुत इच्छा होती है। लेकिन मुंह के बैक्टीरिया शुगर को एसिड में बदल दांतों को नुकसान पहुंचते हैं। गर्भावस्था के दौरान मसूड़ों के फूलने और दांतों में दर्द होने से दांत मलिनकिरण की समस्या भी हो जाती है और इस समस्या का कारण आमतौर पर मीठे खाद्य पदार्थों का सेवन करना होता है। इसलिए दांतों की अच्छी देखभाल के लिए मीठे से परहेज करें।
फ्लोराइड को सीमित करें
कई टूथपेस्ट और माउथ वॉश में फ्लोराइड एक महत्वपूर्ण तत्व होता है। यह दांतों की जड़ों को मजबूत करता है और इसे सडऩे से बचाता है। लेकिन जरूरत से ज्यादा फ्लोराइड के सेवन से दांतों पर सफेद निशान पडऩे लगते हैं।
दो बार ब्रश करें
गर्भावस्था के दौरान मुंह स्वास्थ्य बनाये रखने के लिए दिन में दो बार हल्के ब्रश से धीरे-धीरे प्रतिदिन ब्रश करना चाहिए। हर बार खाने के बाद मुंह की अच्छे से सफाई करें। अगर आपको मार्निंग सिकनेस की समस्या है तो ब्रश करने में समस्या होने पर तो हल्के टेस्ट वाले टूटपेस्ट की मदद लें।
नियमित रूप से फ्लास करें
अच्छे से फ्लॉसिंग करके ही आप दांतों की ठीक से देखभाल कर सकते हैं। आप दांतों के बीच के हिस्से को अच्छे से साफ करें। फ्लॉस को मसूड़े की जड़ से ऊपर की ओर खींचें और अच्छे से सफाई करें।
डेंटिस्ट से लें परामर्श
डेंटिस्ट से चेकअप कराना भी मुंह स्वास्थ्य के लिए बहुत जरूरी होता है।
इन सब उपायों को अपनाकर आप गर्भवस्था के दौरान होने वाली दांतों की समस्याओं को आसानी से दूर कर सकते हैं।
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Image Courtesy : Getty Images

Source: ओन्ली माई हैल्थ सम्पादकीय विभाग Feb 18, 2011
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