
कहावत "जैसा आप खाते हैं वैसा दिखते हैं" तब सही साबित होती लगती है जब आप एजिंग प्रक्रिया को टालना चाहें क्योंकि कुछ खान-पान ऐसे होते हैं जिनमें एन्टि-एजिंग और एन्टि-रिंकल गुण होते हैं। एक स्वास्थ्यवर्धक संतुलित आहार ज़रूरी है।
कुछ फूड पोषक एन्टिऑक्सीडेंट्स के समृद्ध स्रोत होते हैं जो ऑक्सीडेशन या एजिंग प्रक्रिया को रोक देते हैं जो फ्री रेडिकल्स के कारण होती है। शरीर की कुदरती गतिविधियों के अलावा बाहरी पर्यावरण-सन एक्सपोजर, सिगरेट स्मोक, कैमिकल वाला धुआं और यहां तक कि एक्सरसाइज के दौरान भी फ्री रेडिकल्स निर्मित होते हैं। फ्री रेडिकल्स विषम इलेक्ट्रॉनों वाले वे अस्थिर कण होते हैं जिनके कारण वे स्थिर होने के लिये हमारी सेल्स का शिकार करते हैं। इससे स्नोबॉल इफेक्ट उत्पन्न होता है क्योंकि ये हमारे शरीर में सेल्स को प्रभावित करना और स्वस्थ टिश्युओं को डैमेज करना जारी रखते हैं। कोशिका पुनर्निर्माण (सेल रिजेनरेशन) के बजाय टिश्युओं की सेल्स में तेज गति से क्षरण (डिजनरेशन) और इन्फ्लेमेशन होने लगता है। यह ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस और इन्फ्लेमेशन उम्र बढ़ने के साथ शरीर और त्वचा पर दिखने लगता है। कम फैट, फाइबर से भरपूर डाइट, गहरे रंगों वाले विभिन्न फलों के साथ लें क्योंकि इनमें रिजनरेटिव गुण होते हैं।
नीचे दिये गये एन्टि-एजिंग फूड्स को अपने नियमित संतुलित आहार में शामिल करें
- टमाटर और तरबूज लाइकोपेन के समृद्ध स्रोत के रूप में जाने जाते हैं। लाइकोपेन फ्री रेडिकल्स को न्यूट्रिलाइज करता हुआ उनका सामना करता है और विशेष तरह के कैंसर होने के चांस भी घटाता है। एन्टिऑक्सीडेंट्स की मौजूदगी त्वचा को सन डैमेज से सुरक्षित रखती है। पकाये गये टमाटर बेहतर विकल्प हैं क्योंकि गर्म होने के कारण शरीर में अधिक एन्टिऑक्सीडेंट्स मिलते हैं। टमाटर का जूस और कच्चे टमाटर भी अच्छे स्रोत हैं।
- लहसुन और दूसरी सब्जियां जैसे प्याज, लीक्स और शैलॉट्स में एलियम होता है जो फ्री रेडिकल्स का सामना करने का ताकतवर हथियार है। ये न केवल एजिंग का सामना करते हैं बल्कि शरीर के इम्यून सिस्टम की मज़बूती भी बढ़ाते हैं।
- बेरीज जैसे कि ब्ल्यूबेरीज, स्ट्रॉबेरीज, ब्लैकबेरीज, चेरीज और पॉमग्रेनेट एन्टिऑक्सीडेंट्स से भरपूर होते हैं। गहरे रंगों वाले फल और सब्जियों में एन्टिऑक्सीडेंट कैमिकल्स सुरक्षित रहते हैं।
- ब्रोकोली, ब्रोकोली स्प्रॉउट और दूसरी क्रूसिफेरस सब्जियां जैसे कि बंदगोभी और फूलगोभी में काफी एन्टिऑक्सीडेंट्स मौजूद होते हैं। एजिंग का सामना करने के अलावा ये कैंसर और हृदय की बीमारियों के जोखिम कम करने में भी मदद करते हैं।
- स्पिनैच में ल्युटिन होता है जो रेटिना को सन डैमेज से सुरक्षित रखते हुए आंखों की रोशनी की सुरक्षा में मदद करने वाला एन्टिऑक्सीडेंट है और यह फ्री रेडिकल्स से लड़ता है।
- चाय जो कि भारत में आमतौर से खूब प्रचलित पेय पदार्थ है इसमें कैटेचिन्स नामक एन्टिऑक्सीडेंट होता है। चाय कई डिजनरेटिव बीमारियों को रोकती है, कैंसर और हृदय समस्याओं का खतरा कम करती है। काली और हरी दोनों किस्म की चाय बराबर फायदेमंद है। कैटेचिन्स डार्क चॉकलेट और रेड वाइन में भी पाया जाता है।
- साबुत अनाज जैसे कि गेहूं, चावल, मक्का, जई, जिनको रिफाइन न किया गया हो अर्थात भूसी, अंकुर और एंडोस्पर्म सभी इसमें साबुत रूप में मौजूद हों एन्टिऑक्सीडेंट्स के समृद्ध स्रोत होते हैं। ये न केवल एजिंग का सामना करते हैं बल्कि अनेक बीमारियों से भी सुरक्षा प्रदान करते हैं।
- सभी तरह की बीन्स, रेड, ब्लैक, किडनी, एन्टिऑक्सीडेंट्स का समृद्ध स्रोत हैं। सोयाबीन्स में आईसोफ्लेवन्स होता है जिसमें एन्टि-एजिंग गुण होते हैं। ये कैंसर, बैड कोलेस्ट्रॉल और ऑस्टियोपोरोसिस की रोकथाम में सहायक होते हैं।
- नट्स में स्वास्थ्यवर्धक फैट होते हैं जो इलास्टिन और कोलेजेन का लाभ देते हुए (त्वचा में पाये जाने वाले प्रोटीन) त्वचा की मुलायमियत और लचीलापन बरकरार रखते हैं। एक मुट्ठी नट्स रोज लेने से आपको ज़रूरी एन्टिऑक्सीडेंट्स मिल जाते हैं। कम मात्रा में लेने की सलाह दी जाती है क्योंोकि नट्स में काफी कैलोरी होती है।.
- पानी आपके शरीर को हाइड्रेटेड रखने के लिये अनिवार्य है। छह से आठ गिलास पानी रोजाना पियें।
- फिश और फिश ऑयल में एन्टिऑक्सीडेंट और एन्टि-इन्फ्लेमेटरी खूबियां होती हैं जो एजिंग प्रक्रिया को टाल सकती हैं। ओमेगा-3 फैटी एसिड, मछली में बहुतायत में पाया जाता है ये वे एन्टिऑक्सीडेंट्स हैं जो एजिंग प्रक्रिया को सेलुलर लेव...
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