
स्वाइन फ्लू उन गंभीर बीमारियों में से है जिसमें थोड़ी सी सावधानी और देखभाल से इस महामारी से बचा जा सकता है। स्वाइन फ्लू के वायरस ए एच1एन1 से फैलते है। स्वाइन फ्लू घातक नहीं होता लेकिन थोड़ी सी लापरवाही इसे घातक बना देत
जब भी कोई महामारी फैलती है तो चारों ओर अफरा-तफरी का माहौल हो जाता है जिससे महामारी भयंकर रूप धारण करने लगती है। स्वाइन फ्लू ने जब पूरे विश्व में पैर पसारने शुरू किए तो सैकड़ों लोग इसकी चपेट में आकर अपन जान गवां बैठे। लेकिन ये महामारी उन गंभीर बीमारियों में से है जिसमें थोड़ी सी सावधानी और देखभाल से इस महामारी से बचा जा सकता है। स्वाइन फ्लू के वायरस ए एच1एन1 से फैलते है। स्वाइन फ्लू घातक नहीं होता लेकिन थोड़ी सी लापरवाही इसे घातक बना देती है। आइए जानते हैं एच1एन1 स्वाइन फ्लू के बारे में।
एच1एन1 वायरस के लक्षण
• बलगम रहित कफ होता है और हर समय नाक बहती है या फिर बंद हो जाती है।
• गले और सिरदर्द के साथ-साथ पूरे शरीर में दर्द रहता है।
• उदासी रहती है, थकान महसूस होने लगती है और शरीर में कंपकंपी होती है
• यदि स्वाइन फ्लू संक्रमण गंभीर रूप ले रहा हो तो निमोनिया और सास संबंधी बीमारी हो सकती है।
• फ्लू इन्फ्लूएंज़ा वायरस से होता है। अधिकतर सभी को साल में एक से तीन बार तक हो सकता है। साथ में तेज बुखार होता है - बच्चों में भी और बड़ों में भी। इसके लक्षणों से तकलीफ तो होती है किंतु यह कोई भयानक रोग नहीं है।
• एच1एन1 स्वाइन फ्लू में अचानक से तेज़ बुखार आ जाता है (102-106), चेहरा लाल , गाल सुर्ख हो जाते हैं और ऊर्जा की कमी महसूस होती है। कभी कभार चक्कर भी आते हैं और उल्टियां भी आने लगती हैं।
• एच1एन1 स्वाइन फ्लू का सबसे आम लक्षण है सूखी खांसी आना। अधिकतर लोगो में सरदर्द और गले का लाल होना भी शामिल है। नाक का बहना और छींके आना भी आम है।
• कई दिनों तक फ्लू से उत्पन्न कमज़ोरी रह सकती है। हवा में फैलने की वजह से फ्लू की संक्रमण शक्ति बेहद अधिक होती है। देखते ही देखते बडी संख्या मे बहुत लोग एक साथ बीमार हो जाते है।
• स्वाइन फ्लू पीड़ित व्यक्ति को घर से बाहर नहीं निकलना चाहिए और कम से कम लोगों के संपर्क में आना चाहिए। खांसते और छींकते वक्त स्वाइन फ्लू पीड़ित व्यक्ति को रूमाल का उपयोग करना चाहिए और बार-बार हाथ धोते रहना चाहिए।
फ्लू वायरस के प्रकार
स्वाइन फ्लू के वायरस तीन प्रकार के होते है। ए, बी, सी। ए में सबसे ज्यादा स्वाइन फ्लू फैलता है। सी के लक्षण जहां बहुत कम होते हैं वहीं यह फैलता भी बहुत कम है।
ए कैटेगरी के वायरस में 16 H और 9 N वायरस शामिल होते हैं। H का मतलब होता है हीमअग्लूटिनिन और N का न्यूरामिनिडेस।
मनुष्यों में फ्लू ए एच1एन1 और ए एच3 एन 2 और एक बी वायरस से फैलता है लेकिन गंभीर स्वाइन फ्लू के वायरस ए एच1एन1 है।
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