
एक्सट्रा पल्मोमनरी टीबी क्या है: जब टीबी का जीवाणु फेफड़ों के अलावा शरीर के अन्य किसी अंग पर हमला करता है, तो उसे पल्मोमनरी टीबी कहते हैं।
क्षय रोग के चलते दुनिया में हर साल करीब 15 लाख लोग अपनी जान गंवाते हैं। इनमें बड़ी संख्या गरीब व विकासशील देशों में रनहे वाले लोगों की होती है। कई सरकारी कार्यक्रमों द्वारा इस बीमारी को काबू करने का प्रयास किया जाता है।
क्षय रोग एक संक्रामक रोग है जो कि माइक्रोबैक्टरियम ट्यूबरकुलोसिस नामक जीवाणु से होता है। सामान्य रुप से इसके बैक्टेरिया फेफड़ो में पहुंचकर फेफड़ो को क्षति पहुंचाते हैं। लेकिन जब यह संक्रमण शरीर के किसी अन्य भाग में हो जाता है तो उसे एक्सट्रा पल्मोमनरी टीबी कहते हैं। टी.बी विश्व की सबसे सामान्य घातक बीमारी है। इसमें से लगभग 15% मामले एक्सट्रा पल्मोमनरी टीबी के होते हैं। एचआईवी इंफेक्शन में एक्सट्रा पल्मोमनरी टीबी होना सामान्य है। आईए जानें शरीर के किन भागों में हो सकती है एक्सट्रा पल्मोमनरी टीबी।
- लसिका ग्रंथि में टी.बी होना।
- पलूय्रा (फेफड़ो के ऊपर की सतह) में टी.बी होना।
- महिलाओं के जेनिटो यूरिनरी ट्रेक्ट। महिलाओं में गर्भाशय का रोग आम है जबकि पुरुषों के में इस बीमारी से एपिडिडायमिस प्रभावित होता है। पुरुष व महिलाओं दोनों ही गुर्दे संबंधी रोग से प्रभावित होते हैं।
- हड्डियों व जोड़ों में टी.बी होना।
- मस्तिष्कावरण में टी.बी होना जो समय पर इलाज नहीं होने से घातक हो सकता है।
- आंत में टी.बी होना।
- पेरीकार्डियम( हृदय के ऊपर की सतह) में टी.बी होना।
- त्वचा की टी.बी होना।
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लक्षण
- अगर रोगी की लसिका ग्रंथि में टी.बी के जीवाणु हैं, तो रोगी की लसिका ग्रंथि फूल जाएगी और उसमें दर्द भी होगा। साथ ही उस फूली हुई जगह में पस भर जाएगा।
- हड्डियों व जोड़ों की टी.बी में रोगी को उस जगह पर काफी दर्द होता है और सूजन आ जाती है।
- मस्तिष्कावरण में टी.बी के लक्षण दिन प्रतिदिन बढ़ते जाते हैं। मस्तिष्कावरण में कई तरह के लक्षण होते हैं जिनमें दोहरा दिखाई देना, दिमागी भ्रम होना शामिल है। रोगी को सिर में दर्द की शिकायत भी हो सकती है। अगर इसका सही समय पर ईलाज नहीं करवाया जाता है तो यह बिमारी जानलेवा हो सकती है।
- पेट में टी.बी होने पर रोगी को दर्द व पाचन संबंधी समस्या होती है।
- जेनिटो यूरीनरी टी.बी में यूरीन में दर्द की समस्या, बार-बार यूरीन होना आदि समस्याएं आती हैं। अगर पुरुषों में यह लक्षण होते हैं तो उन्हें जेनिटल टी.बी की जांच अवश्य करानी चाहिए। महिलाओं में जेनिटल टी.बी श्रोणी सूजन के तरह हो सकता है।
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कैसा फैलता है एक्सट्रा पल्मोमनरी टीबी
- क्षय रोग हवा के जरिए एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति को होता है। किसी भी क्षय रोगी के खासंने, छींकने व थूकने से हवा में फैले कीटाणु उसके पास वाले स्वस्थ व्यक्ति के सांस लेते समय यह उसके अंदर चले जाते हैं।
- जब कोई व्यक्ति सांस लेता है तो टी.बी के बैक्टेरिया उसके फेफड़ों में चले जाते हैं और बढ़ने लगते हैं। फेफड़ो से बैक्टेरिया ब्लड के जरिए शरीर के अन्य भागों में भी जा सकते हैं जैसे किडनी, दिमाग व मेरुदंड।
- फेफड़ों व गले में टी.बी संक्रामक हो सकती है। इसका मतलब है कि टी.बी के कीटाणु अन्य लोगों में आसानी से जा सकते हैं। शरीर के अन्य भागों में होने वाली टी.बी संक्रामक नहीं होती है।
- उन लोगों में टी.बी होने की ज्यादा संभावना होती है जो लोग क्षय रोगियों के साथ ज्यादा समय बिताते हैं। जिसमें परिवार के सदस्य, मित्र व सहयोगी शामिल हैं।
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