स्ट्रैस या तनाव कोई ऐसी बीमारी नहीं है जिसका इलाज ना हो सके लेकिन ज़रूरत है समय रहते इसे पहचानने की और इससे बचाव के उपाय ढूंढने की। लाइफस्टाइल में थोड़ा सा बदलाव लाकर और उचित उपचार से इसे आसानी से ठीक किया जा सकता है।
साइकोलॉजिस्ट एफेक्टिव स्ट्रैस मैनेजमेंट के लिए ए बी सी स्ट्रैटेजी का इस्तेमाल करते हैं। यह स्ट्रैटेजी इतनी आसान है कि एक आम इन्सान भी इसे एक सेल्फ हैल्प टूल के रूप में अपना कर अपने जीवन में ज़रूरी बदलाव ला सकता है।
किसी भी निगेटिव स्ट्रेस का मुकाबला करने के लिए अपने आप में या अपने वातावरण में बदलाव लाएं। आप स्ट्रेस मैनेजमेंट तकनीक अपना कर अपने बर्ताव,लाइफस्टाइल और व्यहवार में बदलाव ला सकते हैं। अगर आपमें स्थितियों को बदलने की शक्ति नहीं है तो आप अपने नज़रिये को बदल सकते हैं।
कभी कभी हमारे पास किसी स्थिति का मुकाबला करने की शक्ति नहीं होती। जैसे कि किसी बहुत अपने की मृत्यु हो जाना ऐसी स्थिति में हमें इस दुख के आगे हार माननी पड़ती है।
कुछ स्थितियों का मुकाबला करने के लिए हमारे पास स्थितियों का मुकाबला करने की शक्ति होना ज़रूरी होता है। ऐक्शन ओरियेंटेड अपरोच में स्ट्रेस को मैनेज करने के तरीके पर विचार किया जाता है। यह वो तकनीक होती है जिसकी मदद से तनावपूर्ण स्थितियों को बदलने की कोशिश की जाती है।
अपने अधिकारों को समझें लेकिन अपने विचारों को दूसरों पर ना थोपें। बाडी लैगवेज़ का ठीक से इस्तेमाल करें। दूसरों की परेशानियों में बहुत ज़्यादा दखलअंदाजी़ ना करें। अपने अधिकारों को समझ कर आप खुद को नियंत्रित भी कर सकते हैं।
अपने काम की एक लिस्ट बना लें और निर्धारित कर लें कि आपको कौन सा काम पहले और कौन सा काम बाद में करना है। अपने काम में रूचि ले और अपने काम करने की जगह को व्यवस्थित रखें।
किसी ज़िम्मेदारी से बचने के लिए टालमटोल ना करके सीधे ना कहना सीखें। हर दिन की तैयारी पहले से ही कर लें। डायरी लिखने की आदत बनायें या किसी करीबी दोस्त के संपंर्क में रहें।
हंसने से स्ट्रेस लेवल कम हो जाता है और मांसपेशियों को आराम मिलता है। इससे फील गुड फैक्टर बढ़ता है और एन्डार्फिन हार्मोन्स की मात्रा बढ़ती है और इससे हम स्वस्थ फील करते है। आप चाहें तो अपने आसपास कोई लाफर क्लब जाइन कर सकते हैं।
जब आप अत्यधिक तनाव में हो तो कम खायें या 15 मिनट बाद खायें। ऐसी स्थिति में धूम्रपान बिलकुल ना करें और ना ही शराब पीयें। बहुत ज़्यादा मात्रा में कैफीन और नमक ना लें।
रेगुलर एक्सर्साइज़ करने से भी स्ट्रैस कम होता है। इससे हार्ट बीट नार्मल हो जाती है और ब्लड प्रेशर भी कम हो जाता है जिससे एन्डार्फिन हार्मोन रिलीज़ होता है और इम्यून सिस्टम मज़बूत बनता है और नींद भी अच्छी आती है।
साइनटिस्ट ऐसा मानते हैं कि 8 घंटों की नींद हमारे लिए ज़रूरी है ा खाने से पहले हैवी मील ना लें। सोने से पहले गरम पानी से नहाने या गरम दूध पीने से भी अच्छी नींद आती है।
कम से कम हफ्ते में एक बार पूरे परिवार के साथ खाना खायें इससे आपका तनाव कम होगा।
आज जीवन में आराम का अनुभव करने के लिए बहुत सी थेरेपी हैं जैसे योगा ,मसाज थेरेपी, मेडिटेशन, अरोमाथेरेपी, हर्बलिज़म, रिफ्लेक्सालाजी , होमियोपैथी और हिप्नोसिस। पेट थेरेपी भी बहुत ही मानी हुई थेरेपी है। कुछ बिगड़ी हुई परिस्थितियों में मार्डन ड्रग , साइकोथेरेपी या काउन्सेलिंग भी उपयोगी है।
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thanx
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