शिफ्ट में काम करने वाले लोगों की दिनचर्या कभी एक सी नहीं रहती है। काम के अनुसार उनके खाने-पीने व सोने-जागने के समय में परिवर्तन होता रहता है जिसका सीधा असर शरीर पर होता है। एक रिसर्च में भी यह सामने आया है कि बेवक्त सोने से मोटापे का खतरा बढ़ता है।
रिसर्च के परिणामों के मुताबिक जब नींद की सामान्य प्रक्रिया में कोई बदलाव होता है तो उसका असर शरीर पर भी होता है। शिफ्ट में काम करने से कई अन्य स्वास्थ्य समस्याएं भी होती हैं।
मोटापे का खतरा
अध्ययन की शुरुआत में 21 लोगों को रात में 10 घंटे सोने दिया गया। बाद में तीन हफ्तों तक उनकी नींद का समय बदला गया और बेवक्त सोने दिया गया। दिन की अवधि को बढ़ा कर 28 घंटे कर दिया गया, ताकि दिन भर विमान में उड़ने के बाद होने वाली थकान के प्रभाव को पैदा किया जा सके।
अध्ययन में शामिल लोगों को 28 घंटे के दिन में सिर्फ 6.5 घंटे सोने दिया गया, जो सामान्य दिन में 5.6 घंटे की नींद के बराबर है। उन्हें हल्की रोशनी में रखा गया जिससे उनकी 'बॉडी क्लॉक' सामान्य रोशनी में वापस चली जाए। शरीर के सुस्त पड़ जाने के कारण इन लोगो में वजन बढ़ने की समस्या भी पैदा होने लगी।
अध्ययन में शामिल लोगों की सुस्त पड़ी पाचन दर में आठ प्रतिशत की गिरावट आई, जिसका मतबल है कि उनके वजन में एक साल के भीतर 12.5 पाउंड का इजाफा हो सकता है।
शोधकर्ताओं की इस टीम के प्रमुख डॉ. ओरफू बक्सटन कहते हैं, " रात में काम करने वाले लोगों को दिन में सोने में परेशानी होती है, इसलिए उन्हें रात में काम करने और दिन में सोने वाली दोनों तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है। इसलिए पर्याप्त नींद सेहत के लिए महत्वपूर्ण है और सर्वोत्तम नतीजों के लिए यह नींद रात में ही ली जानी चाहिए।"
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