हर महिला में प्रेगनेंसी की स्थितियां और ओवुलेशन प्रक्रिया अलग-अलग होती हैं। महिलाओं के फीटस का विकास भी अलग होता है। इसलिए हर महिला में ओवुलेशन प्रक्रिया का समय भी अलग हो सकता है। ओवुलेशन प्रक्रिया को समझने के बाद गर्भधारण करने में आसानी होती है। आइये ओवुलेशन प्रक्रिया को विस्तार से जानें।

पीरियड के अनुसार ओवुलेशन के समय का निर्धारण होता है। जिस महिला में रेगुलर पीरियड होता है उसके ओवुलेशन का समय 12वें दिन से 16वें दिन के बीच होता है। लेकिन जिस महिला में मासिक धर्म अनियमित होता है उसकी ओवुलेशन प्रक्रिया का दिन बदल जाता है। सामान्यत: ओवुलेशन पीरियड शुरू होने के तीसरे सप्ताह होता है।
ओव्यूलेशन की प्रक्रिया -
- पहले सप्ताह में आपकी मेन्स साइकिल की शुरूआत होने के लगभग 12 दिनों बाद ओवुलेशन की शुरूआत होती है। यह समय गर्भावस्था के लिए अच्छा होता है।
- अगर आपने ओवुलेशन पीरियड के दौरान सेक्स संबंध बनाये हैं तो आपके प्रेग्नेंट होने की संभावना बढ़ जाती है। इसलिए व्यायाम, फोलिक एसिड के आहार, गहरे रंग के फल और सब्जि़यां खाना शुरू कर देना चाहिए।
- ओव्यूलेशन प्रक्रिया के बाद एल्कोहल और निकोटीन वाले खाद्य-पदार्थों का सेवन करने से बचना चाहिए। सिगरेट, शराब का सेवन नहीं करना चाहिए।
- पीरियड शुरू होने के दूसरे सप्ताह में आपकी ओवरी से अण्डे बाहर आते हैं। अगर आपको जुड़वा बच्चे होने की सम्भावना होगी तो इस समय दो अण्डे बाहर आयेंगे।
- ओव्यूलेशन प्रक्रिया के दौरान औरत तकरीबन तीन सप्ताह बाद अपनी आख़िरी मेन्स साइकल के पहले दिन ओव्युलेट करती है उसकी ओवरी से एक अंडा निकलकर फेलोपियन ट्यूब से होते हुए यूटरस में चला जाता है।
- इंटरकोर्स के दौरान आपके पार्टनर के शरीर से लाखों स्पर्म निकलते हैं लेकिन उनमे से कोई एक अंडे को फर्टिलाइज़ करता है। इस दौरान एक सेल क्लस्टर होता है जो आने वाले दिनों मे गुणात्मक रूप से बढ़ता है।
- चौथे सप्ताह में अधिकतर औरतें अपने शरीर में कोई बदलाव महसूस नहीं करती हैं। इस दौरान फर्टिलाइज़्ड अंडा यूटरस तक पहुंच जाता है और तकरीबन 72 घंटों के बाद यूटरस में अपना जगह बना लेता है।
- इस दौरान यूटरस की रक्त कोशिकायें अंडे को स्पर्श करती हैं और अंडे के बढ़ने की शुरूआत हो जाती है। पांचवे सप्ताह में ज़्यादातर महिलाओं को लगने लगता है कि वह प्रेगनेंट है क्योंकि पीरियड्स नहीं होते हैं।
- स्तनों में सूजन एवं आस-पास के हिस्सों का रंग गहरा हो जाता है। पेशाब करने में ज़्यादा ज़ोर लगाना पड़ता है। इस दौरान अंडा लगभग 20 मिलीमीटर तक बढ़ चुका होता है इस क्रिया को एंब्रियो कहते हैं।
- छठे सप्ताह में प्रेगनेंट महिलाओं को सुबह के समय उठने मे काफ़ी दिक्कत होती है और काफ़ी समय तक तबीयत खराब रहती है। सूंघने की शक्ति कम हो जाती है। इस अवस्था में अगर यूरिन टेस्ट किया जाए तो प्रेगनेंसी कन्फर्म की जा सकती है।
- छठे सप्ताह तक अंडा लगभग एक मौसमी के आकर का हो चुका होता है। बच्चे का सिर, स्पाइन, चेहरा और जबड़ों का विकास शुरू जाता है।
- सातवें सप्ताह में प्रेगनेंसी हॉर्मोन्स महिला को कमज़ोर बना देती है और साथ ही ब्रेस्ट मे भारीपन और सूजन महसूस होने लगता है।
ओवुलेशन प्रक्रिया को समझने के बाद भी अगर आप प्रेग्नेंट नही हो पा रही हैं तो स्त्री रोग विशेषज्ञ से संपर्क करें। महिला और पुरुष दोनों अपनी जांच करायें। क्योंकि पुरुष भी इन्फर्टिलिटी का शिकार हो सकते हैं।
Read More Articles On Pregnancy Care in Hindi.
mere 2 months ka baby kharab ho gaya tha to DNC karai thi, ab 2 sal se hum plan kar rahe hai par no result , dono ki medical report normal hai , my age-29 and my wife28,
meri shadi ko 5 saal ho gaya hai . sari riport normal hai iui bhi karya but abhi tak baby nahi hua. kya kru
Meri shadi ko 3 year ho chuke he.me abhi tak pregant nahi ho paa rahi hi. Doctr ko bataya,dono ka test bhi karavya par no problem doctor kahate he ki nali sikudi ho sakati he..me kya karu ?
meri shadi ko char saal ho gay beech me teen mahene ka bachha khrab ho gaya garm dava ke khane se karpya muje iska hal bataye
@sushma bagga Don't take tension. This will definitely take some time. You should make the proper bond with your partner without thinking these all. try this for two months, you will definitely conceive. Be relax n Good luck.
meri shadhi ko 7 month ho gye h baby nhi h kya kru
hi mem meri shadi ko 7 month ho gye h per baby nhi h kya kru
meri shadi ko 6 sal ho chuke hai hum dono ki sari report narmal hai ,hum logo ne 4 bar IUI bhi karwa liya hai par koi baby nhi hai ,kya kare.
very good article