दिल्ली में चिकनगुनिया का प्रकोप तेजी से फैल रहा है। मच्छर जनित इस बीमारी से मरने वाले लोगों में लगातार इजाफा हो रहा है। पिछले तीन दिनों में चिकनगुनिया से अब तक पांच लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं राजधानी में लगभग सभी अस्पतालों में मरीजों की भीड़ बढ़ती जा रही है। सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों में अतिरिक्त बेड लगाकर लोगों का इलाज किया जा रहा है। कुछ जगहों पर तो बेड भी शेयर करने पड़ रहे हैं। आंकड़ों की मानें तो दिल्ली में अभी तक चिकनगुनिया के मामले तेजी से बढ़कर 1400 की संख्या पार कर चुके हैं।
राजधानी दिल्ली में चिकनगुनिया से पहली मौत सोमवार को 65 साल के एक बुजुर्ग की हुई थी। ये मौत गंगाराम अस्पताल में हुई थी। अस्पताल प्रशासन के मुताबिक बुजुर्ग की मौत सोमवार सुबह साढ़े 4 बजे हुई थी। उन्हें गाजियाबाद के एक अस्पताल से लाया गया था। इसके अलावा अस्पताल में तीन अन्य लोगों की मौत हो हुई हैं। वहीं हिंदूराव अस्पताल में भर्ती एक 22 वर्षीय युवती की मौत चिकनगुनिया से हुई है। वह ह्रदय रोग से भी पीडि़त थी। इसके साथ ही डेंगू और मलेरिया से भी कई लोग जान गवां चुके हैं।
राजधानी में चिकनगुनिया की 10 साल बाद वापसी हुई है। बताया जा रहा है कि चिकगुनिया से 10 साल पहले कुछ मामले सामने आए थे। लेकिन दोबारा मामला सामने आने से दिल्ली के लोगों में खौफ है। बीमारी से ज्यादा लोग इसके फैलने के खतरे से डरे हुए हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि इससे बचने के लिए सावधानी बहुत जरूरी है। कहीं भी मच्छर न पनपने दें, अगर हैं तो दवा का छिड़काव होना बहुत जरूरी है। चिकनगुनिया के लक्षण दिखाई देने पर तुरंत डॉक्टर की सलाह लें।
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