क्षय रोग से हमारे देश में हर साल लगभग 1.5 मिलियन लोग मौत का शिकार हो जाते हैं। इसकी वजह है क्षय रोग के बारे में लोगों की जानकारी का अभाव। क्षय रोग एक संक्रामक बिमारी है, रोगियों से संपर्क में रहने से यह बिमारी फैलाती है। क्षय रोग रोग विशेषकर फेंफडों का इनफेक्शन है इसके अलावा जैसे मस्तिष्कै, आंतें, गुर्दे, हड्डी व जोड इत्याहदि भी इस रोग से ग्रसित होते हैं।
लक्षण
पहचान
क्षय रोग की पहचान का सबसे कारगर तरीका है बलगम की जांच करवाना। इससे रोग के जीवाणु सूक्ष्मषदर्शी द्वारा आसानी से देखे जा सकते हैं। क्षय रोग रोग के उपचार के लिये एक्स-रे करवाना, बलगम की जांच की अपेक्षा मंहगा तथा कम भरोसेमन्दउ उपाय है, फिर भी कुछ रोगियों के लिये एक्स -रे व अन्यर जांचों की आवश्यकता होती है।
बचाव
इलाज के दैरान
घर पर ही रहें
अगर आपका क्षय रोगका इलाज चल रहा है तो आप पहले कुछ हफ्ते आफिस या स्कूल न जाएं।
हवादार कमरे में रहें
क्षय रोग के बैक्टेरीया छोटे कमरे में आसानी से फैलते हैं जहां हवा पास नहीं होती है।अगर ज्यादा ठंड नहीं हो तो खिड़कियों को खोल के रखें जिसे कमरे में हवा आ सके।
मुंह ढक कर रखें
टिश्यू पेपर से अपना मुंह हंसते या छींकते हुए ढ़क लें, उसके बाद गंदे टिश्यू को किसी थैली में बांध कर दूर फेंक दें।
मास्क पहनकर रहें
इलाज के पहले कुछ हफ्तें तक मुंह पर मास्क पहन कर रखें। इससे आसपास के लोगों में क्षय रोग के बैकटेरिया नहीं फैलेंगे।
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thanx 4 your detail about Tuberclosis.
ihave no cogh but my ESR is 98 give homeopathy treatment . i have also bladdar infection