आमिर खान को बॉलीवुड का मिस्टर परफेक्शनिस्ट कहा जाता है। यानी वह अपना हर काम पूरी उत्कृष्टता के साथ करते हैं। कई लोगों को हर काम पूरी उत्कृष्टता से करने की आदत होती है। यानी काम में किसी तरह की कमी उन्हें बर्दाश्त नहीं होती। हर काम परफेक्ट करना ही उनकी आदत होती है। बिना किसी गलती या कमी के अपना हर काम करने में वे माहिर होते हैं। हालांकि अपनी इस खूबी का श्रेय अक्सर लोग खुद ही ले लेते हैं। लेकिन क्या वास्तव में ऐसा ही होता है।
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एक नए अध्ययन से पता चला है कि उत्कृष्टता (परफेक्शन) का गुण किसी में डेवलप नहीं किया जा सकता। यह गुण इनसान के जीन में होता है और वह इसे लेकर पैदा होता है। शोधकर्ताओं का कहना है कि लोग उत्कृष्टता का गुण अर्जित नहीं किया जा सकता। उन्होंने दावा किया है कि व्याक्ति इस गुण के साथ पैदा होते हैं क्योंकि उनके माता-पिता में भी यह गुण मौजूद होता है।
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इस निष्कर्ष पर पहुंचने के लिए मिशिगन स्टेंट यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने 12 से 22 वर्ष के कई आइडेंटिकल (हूबहू एक से) व नॉन आइडेंटिकल जुड़वा बच्चियों पर अध्ययन किया। आइडेंटिकल जुड़वा बच्चियों की आनुवांशिक संरचना एक-दूसरे से हू-ब-हू मिलती है। इसलिए अगर परवरिश की वजह से उनके अंदर कोई गुण या विशेषता आती है तो नॉन आइडेंटिकल जुड़वा बच्चों की तरह ही उन पर इसका
असर होगा। अध्ययन के दौरान शोधकर्ताओं ने पाया कि उत्कृष्टता की कसौटी पर आइडेंटिकल जुड़वा बच्चियों के अंक काफी हद तक समान थे। वहीं नॉन आइडेंटिकल जुड़वा बच्चियों के बीच अंत पाया गया।
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