अमेरिका में होने वाली मौतों की सबसे बड़ी वजह हृदय संबंधी बीमारियां होती हैं। अमेरिकी महिलाओं और पुरुषों में होने वाली 40 फीसदी मौतों के जिम्मेदार हृदय रोग होते हैं। यह संख्या सभी प्रकार के कैंसर की कुल संख्या से होने वाली मौतों से भी अधिक है।आखिर यह बीमारी इतनी गम्भीर क्यों होती है। इसकी एक वजह यह है कि लोग तब तक डॉक्टर के पास नहीं जाते जब तक बीमारी पूरी तरह से बढ़ नहीं जाती। बेशक, किसी को अचानक सीने में दर्द हो सकता है।लेकिन, आपका दिल समय रहते आपको यह संकेत देता है कि उसकी सेहत ठीक नहीं है और उसे आपकी खास तवज्जो की जरूरत है। बस जरूरत है इन इशारों को समझने की और समय रहते इलाज करवाने की।
कहते हैं चिंता चिता समान होती है। हृदयाघात के कारण अत्यधिक चिंता और मौत का डर सता सकता है। हृदयाघात के बाद कई मरीज अपनी उस हालत को कयामत करार देते हैं। उनका मानना है कि कई लोगों का मानना है कि हृदयाघात इस हद तक डराने वाला होता है कि कई बार व्यक्ति उसे व्यक्त भी नहीं कर पाता।
सीने में दर्द होना हृदयाघात का सबसे सामान्य लक्षण है। इसी लक्षण से व्यक्ति को इस बात का अहसास होता है कि उसे हृदयाघात हुआ है अथवा नहीं। लेकिन, हर बार सीने में दर्द होना हृदयाघात का लक्षण नहीं होता। सीने में दर्द कई ऐसे कारणों से हो सकता है जिनका हृदयाघात से कोई लेना-देना नहीं होता। जब सीने में दर्द के पीछे हृदय संबंधी कोई कारण होता है तो यह आमतौर पर ब्रेस्टब्रोन के नीचे केंद्रित होती है। सीने के सेंटर से बांयी ओर। यह दर्द अत्यंत पीड़ादायक हो सकता है। दर्द के कारण व्यक्ति असहज हो जाता है और ऐसे में उसे कुछ नहीं सूझता। यह दर्द व्यक्ति को पूरी तरह निचोड़कर रख देता है।
हृदयाघात के कारण हल्कापन और अचेत होने की अवस्था हो सकती है। इसके अलावा आपको कम परिश्रम किए थकान भी महसूस होती है। विशेषकर महिलाओं में हृदय संबंधी समस्या होने पर थकान काफी परेशान करने वाली हो सकती है। आपको अन्य कारणों से भी थकान हो सकती है, लेकिन फिर भी सावधानी के तौर पर आपको डॉक्टर से जांच करवा लेनी चाहिए।
हार्ट अटैक के दौरान लोगों की पाचन क्रिया में गड़बड़ी अथवा पेट में दर्द होना असामान्य नहीं है। इसके अलावा उन्हें उल्टी की शिकायत भी हो सकती है। और अगर आपके पेट में सूजन का संबंध हार्ट फेल्योर से है तो इसका असर व्यक्ति की भूख पर भी पड़ता है। यानी आपकी पाचन क्रिया पर भी हृदय संबंधी किसी रोग का सीधा-सीधा असर पड़ता है।
कई बार हार्ट अटैक में, दर्द छाती से शुरू होता है और कंधों, बाजुओं, कोहनियों, पीठ, गर्दन, जबड़े अथवा पेट तक फैल जाता है। लेकिन कई बार सीने में दर्द का कोई संकेत नहीं होता, केवल शरीर के अन्य हिस्सों, जैसे बाजुओं अथवा कंधे में दर्द की शिकायत हो सकती है। यह दर्द आता-जाता रह सकता है।
लगातार खांसी और घरघराहट हार्ट फेल का संकेत हो सकता है। इसके पीछे फेफड़े में किसी तरल पदार्थ का जमा होना हो सकता है। कुछ मामलों में वे लोग जिनका हार्ट फेल हो चुका है उन्हें खांसी के साथ मुंह से खून आने की शिकायत भी हो सकती है।
डॉक्टरों का कहना है कि कभी-कभार धड़कन के लुप्त हो जाने पर चिंता नहीं करनी चाहिए। लेकिन तेज और अनियमित धड़कन, विशेषकर तब, जब इसके साथ थकान, चक्कर आना और सांसों का टूटना, जैसी समस्यायें भी हों, तो यह चिंता का विषय है। यह हार्ट अटैक, हार्ट फेल अथवा अतालता का लक्षण हो सकता है। अगर आप इसका इलाज न करें, तो यह स्ट्रोक, हार्ट फेल और अचानक मौत का कारण भी बन सकता है।
सांस टूटने को अक्सर लोग अस्थमा अथवा सांस संबंधी किसी अन्य बीमारी से जोड़कर देखते हैं। लेकिन, कई बार यह इस बात की ओर भी इशारा हो सकता है कि आपका दिल सही प्रकार से काम नहीं कर रहा है। सांस टूटना हार्ट अटैक अथवा हार्ट फेल होने की ओर इशारा हो सकता है। कई बार हार्ट अटैक के समय लोगों को छाती में दबाव और दर्द की शिकायत नहीं होती, लेकिन उसकी सांस बुरी तरह से टूटने लगती है। इसलिए इसे गंभीरता से लेने की जरूरत है।
ठंडे वातावरण में पसीना आना भी हृदयाघात का एक लक्षण है। हो सकता है कि आपको कुर्सी पर बैठे-बैठे अचानक ऐसे पसीना आने लग जाए जैसे आपने अभी-अभी व्यायाम किया हो। यह पसीना आपको बेवजह आ सकता है। ऐसे में आपको अपनी सेहत के प्रति सजग होने की जरूरत है। अब वक्त आ गया है कि आप अपने डॉक्टर से फौरन संपर्क करें।
जब आपका दिल सही प्रकार से कार्य नहीं कर रहा होता, तो वह आपको कई इशारे देता है। शरीर के अंगों में सूजन होना भी एक ऐसा ही संकेत है। इस स्थिति में शरीर में तरल पदार्थ जमा हो जाता है। इसके कारण शरीर में सूजन की शिकायत हो सकती है। विशेषकर पैरों, एडि़यों और टांगों अथवा पेट के आसपास की मांसपेशियों में यह सूजन काफी देखी जाती है। इसके साथ ही कई बार वजन काफी बढ़ जाता है और व्यक्ति की भूख में कमी आ जाती है।
इसे आप हृदयाघात के संभावित खतरे की ओर बढ़ते समय अथवा हृदयाघात के समय, कुछ लोगों को गम्भीर और रहस्यमयी कमजोरी का आभास होता है। कई बार यह कमजोरी इतनी बढ़ जाती है कि मरीज के लिए कागज का एक टुकड़ा तक थामना मुश्किल हो जाता है।
दिल अचानक खराब नहीं होता। यह आपको बताता है कि उसकी सेहत बिगड़ रही है। कई इशारे देता है। बार-बार आपका ध्यान आकर्षित करने की कोशिश करता है। अब यह आपके ऊपर है कि आप उन इशारों को समझकर अपने दिल की सेहत सुधारते हैं या फिर उन्हें अनदेखा कर किसी बड़ी विपत्ति का इंतजार करते हैं।
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