आम यौन संचारित रोगों (एसटीडी) के लक्षण
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यौन संचारित रोगों (एसटीडी)
एसटीडी (यौन संचारित संक्रमण/रोग) वे संक्रमण/रोग हैं जो, यौन संपर्क द्वारा एक व्यक्ति से दूसरे में संचारित हो सकते हैं। कुछ यौन संचारित संक्रमण जन्म से, अंत: शिरा सुइयों अथवा स्तनपान के द्वारा भी संचारित होते हैं। इसके अलावा सेक्स से जुड़े ऐसे कई पहलू हैं जिनकी जानकारी का अभाव यौन संचारित रोग व संक्रमण (एसटीडी या एसटीआई) की वजह बन सकता है।
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यौन संचारित रोगों के लक्षण
यौन संचारित रोगों के लक्षण रोग लगने के कई दिनों, हफ्तों या महीनों के बाद दिखाई दे सकते हैं। हो सकता है कि एसटीडी संक्रमित कुछ महिलाओं व पुरुषों में कोई लक्षण ना भी दिखें, लेकिन उनको एसटीडी होता है और वे दूसरों को संक्रमित कर सकते हैं।
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गर्भवती महिलाओं को एसटीडी
गर्भवती महिलाओं को भी साधारण महिलाओं की तरह ही यौन संचारित बीमारी (एसटीडी) हो सकती हैं। गर्भवती महिला को समय से पूर्व प्रसव, गर्भाशय में बच्चे की झिल्ली का समय से पहले फटना और प्रसव के बाद मूत्र मार्ग में संक्रमण, एसटीडी के लक्षण होते हैं।
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योनि/लिंग में खुजली स्राव
एसटीडी के लक्षणों के तौर पर योनि के आसपास खुजली व योनि से स्राव, या पुरूषों के लिंग से स्राव हो सकता है।
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स्वास्थ समस्याएं
प्रत्येक एसटीडी से अलग प्रकार की स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं होती हैं। इनके कारण ग्रीवा परक या अन्य कैंसर हो सकते हैं। इसका आलावा जिगर के रोग, अन- उर्वरकता, गर्भ संबंधी समस्याएं और अन्य कष्ट भी एसटीडी के लक्षण हो सकते हैं।
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संभोग या मूत्र त्यागने में पीड़ा
यौन संचारित रोग होने पर सम्भोग के समय अथवा मूत्र त्याग के समय पीड़ा होती है। ऐसा कई बार हो तो आपको यौन रोग होने की आशंका बढ़ जाती है।
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यौन अंगों पर दर्द रहित जख्म या मस्से
जननेन्द्रिय के आसपास पीड़ाविहीन लाल जख्म या मुलायम त्वचा के रंग वाले मस्से हो जाना यौन संचारित रोगों के लक्षण होते हैं। इसके अलावा जननांगों या गुदा के आस-पास फोड़े, घाव, दाने या छाले भी इसके लक्षण होते हैं।
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गुदा के अन्दर और आसपास पीड़ा
वे लोग जो गुदा परक सम्भोग करते हैं, उनमें यौन संचारित रोग होने की आशांका अधिक होती है। ऐसे लोगों को यदि गुदा के अन्दर और आसपास पीड़ा हो तो यह किसी यौन रोग का संकेत हो सकता है।
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रक्त स्राव या योनि से तेज बदबू
महिलाओं को यदि मासिक धर्म के बीच में या सेक्स करने के बाद खून आए तो यह किसी यौन रोग के कारण हो सकता है। इसके साथ ही योनि से तेज बदबू भा आ सकती है।
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किसे होती है अधिक संभावना
किशोरों और युवा वयस्कों (15 से 24 वर्ष) को यौन संचारित रोग (एसटीडी) होने का अधिक जोखिम होता है। इसके अलावा वे लोग जो सैक्स के समय सावधानी नहीं रखते या अपने जननांगों को साफ नहीं करते, उन्हें भी यह रोग होने की आशंका अधिक होती है।
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यौन रोग होने पर क्या करें
यदि आपको यौन रोग के कोई लक्षण नजर आते हैं, या आपको लगता है कि कोई यौनसंचारित रोग हो सकता है (क्योंकि आपने असुरक्षित सेक्स किया है), तो सटीडी क्लीनिक जाएं और डाक्टर से मिलें। यदि समय पर इलाज शुरू कर दिया जाए, तो अधिकांश यौनसंचारित रोगों को ठीक किया जा सकता है। इलाज न होने पर इनके गंभीर परिणाम हो सकते हैं।