इन आश्चर्यजनक कारणों के चलते ना करें सोया मिल्क का प्रयोग
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सोया दूध का इस्तेमाल
बहुत से लोग सोयाबीन के दूध का इस्तेमाल करते हैं जो बहुत ही पौष्टिक आहार माना जाता है। पर क्या आप इससे होने वाले नुकसानों के बारे में जानते हैं। स्वास्थ्य को पोषण तत्व देने वाले सोया मिल्क में कई तरह के विषैले पदार्थों का समावेश भी होता है। औऱ आजकल बाजार में सोयाबीन के दूध में भी मिलावट होने लगा है और अगर आप स्वस्थ रहना चाहते हैं और नॉन-डेरी प्रोडक्ट ही इस्तेमाल करना चाहते हैं तो सोयामिल्क से होने वाले नुकसान के बारे में जानें।
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विषैले पदार्थ की मात्रा अधिक
सोयामिल्क में एंटीन्यूट्रींन्ट्स या प्राकृतिक विषैले पदार्थ की मात्रा ज्यादा होती है। एक दिन में दो ग्लास सोयामिल्क महिलाओं का माहवारी चक्र मे भारी बदलाव ला देता है। सोयामिल्क शरीर में विटामिन बी 12 और विटामिन डी की जरूरत को भी बढ़ा देता है। इसमें इंसोफ्लावोन्स नामक विषैला पदार्थ होता है जो महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर के खतरे को बढ़ा देता है।
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कम होती है प्रजनन की क्षमता
सोयाबीन में हेमाग्लूटिन नामक थक्का जमा देने वाला पदार्थ होता है जो लाल रक्त की कोशिकाओं का एकसाथ गुच्छा बना देता है। 99 फीसदी सोया आनुवंशिक रूप से संशोधित होता है। पेस्टीसाइड्स के चलते ये सबसे ज्यादा दूषित होता है। सोया मे प्लांट एस्ट्रोजन फाइटोएस्ट्रोजन्स पाया जाता है जो अंतःस्त्रावी क्रिया को प्रभावित करता है, ये महिलाओं में प्रजजन की क्षमता को भी कम करता है।
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नर्वस सिस्टम पर बुरा असर
सोयबीन और उससे बने उत्पादों में उच्चमात्रा में फाइटिक एसिड पाया जाता है। जो कैल्शियम, मैग्नीश्यम, कॉपर, आइरन, और जिंक के समावेश में रूकावट डालता है। सोया में पाया जाने वाला एलुमिनीयम किडनी और नर्वस सिस्टम पर बुरा असर डालता है। इससे एल्जाइमर होने का खतरा भी रहता है।
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मिलावट का खतरा अधिक
सोया में विटामिन 12 से मिलतेजुलते कंपाउड होते है लेकिन वे शरीर में ठीक से काण नहीं करते है। जिससे चलते शरीर में विटामिन 12 की कमी हो जाती है।सोया दूध को बनाने में पनीर का पानी, सोयाबीन का तेल, यूरिया खाद, शूगर, नमक एवं कई अन्य वस्तुओं का प्रयोग किया जाता है। जो की आपकी सेहत के लिए बहुत ही खतरनाक है।
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