स्खलन-पूर्व द्रव के बारे में जानें जरूरी बातें
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क्या होता है स्खलन पूर्व द्रव्य
कई बार लोग वीर्य स्खलन पूर्व स्रावित होने वाले चिपचिपे पदार्थ को लेकर आशंकित हो जाते हैं। जबकि इसमें ऐसा कुछ भी नहीं है। यह बिलकुल सामान्य सी बात है। हालांकि, यह वीर्य नहीं होता। इसमें और वीर्य में काफी अंतर होता है। इसकी संरचनात्मकता, उपयोगिता और प्रभावों में वीर्य की अपेक्षा काफी अंतर होता है। जानिये आखिर क्या होता है यह द्रव और इससे जुड़े अन्य तत्व। Image Courtesy- Getty Images
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वीर्य और प्री-इजेक्यूलेटरी फ्लूड
वीर्य और स्खलन-पूर्व फ्लूड में मुख्य रूप से ग्रंथि का अंतर होता है। स्खलन पूर्व फ्लूड का निर्माण जहां काओपर्स ग्रंथि करती है, वहीं वीर्य का निर्माण अंडकोष में होता है। Image Courtesy- Getty Images
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स्खलन-पूर्व फ्लूड की संगति
यह रंगहीन और गंधहीन होता है। इसके साथ ही यह एक चिपचिपा तरल पदार्थ होता है, जो मूत्रमार्ग द्वारा स्रावित होता है। सभी पुरुषों में इस द्रव्य का स्राव नहीं होता। Image Courtesy- Getty Images
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कब होता है स्राव
स्खलन-पूर्व द्रव्य का स्राव उस समय होता है जब कोई पुरुष अति काम का अनुभव करता है। यह तत्व सेक्स, फोरप्ले और हस्तमैथुन के शुरुआती चरणों में भी स्रावित होता है। Image Courtesy- Getty Images
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संरचनात्मकता
स्खलन पूर्व द्रव्य में उपस्थित रसायन भी इसे वीर्य से अलग संरचनात्मकता देते हैं। इसमें गामा ग्लूटामायल्ट्रांसफेस (gamma-glutamyltransferase) केमिकल नहीं होता, जो वीर्य में मौजूद होता है। इस द्रव में एसिड फोस्फाटिस, फ्रूक्टोस और विभिन्न प्रोटीन (acid phosphatise, fructose and different proteins) होते हैं। Image Courtesy- Getty Images
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कितनी होती है मात्रा
अधिकतर पुरुषों में इस द्रव का स्राव नहीं होता। इसलिए लेकर अधिक परेशान होने की जरूरत नहीं है। जिन पुरुषों को इसका स्राव होता है, उन्हें पांच मिली का स्राव हो सकता है। यह कम भी हो सकता है, इसलिए ज्यादा फिक्रमंद होने की जरूरत नहीं। Image Courtesy- Getty Images
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क्या है काम
यह द्रव लुब्रिकेशन का काम करता है। लुब्रिकेशन सेक्स को दर्द रहित बनाने का काम करता है। और यह द्रव संभोग से चरम से पहले लुब्रिकेशन को बढ़ाकर दर्द कम कर देता है। जिससे सेक्स का आनंद बढ़ जाता है। इसके साथ ही यह वीर्य को गाढ़ा बनाने का काम करता है। इससे वीर्य अधिक समय तक योनि में रहता है, जिससे गर्भाधान की संभावना बढ़ जाती है। Image Courtesy- Getty Images
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टॉक्सिन को हटाये
मू्त्र अम्लीय तत्व है, जो शुक्राणुओं के लिए खतरनाक होता है। तो शरीर, इस द्रव के जरिये मूत्रमार्ग में मौजूद अम्लीयता को नष्ट करता है। महिलाओं में यह द्रव योनि में मौजूद अम्ल को नष्ट करती है। इससे योनि शुक्राणुओं के फल-फूलने के लिए अधिक सुरक्षित और स्वस्थ रहती है। Image Courtesy- Getty Images
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एड्स का है खतरा
इस द्रव में एचआईवी वायरस होता है, इसलिए सुरक्षा का ध्यान रखते हुए इस द्रव के उपभोग से बचना चाहिए। यदि पुरुष इससे संक्रमित हो जाएं, तो यह वायरस उनके साथी को भी संक्रमित कर सकता है। Image Courtesy- Getty Images
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गर्भावस्था का खतरा
यदि आप यह सोचें कि इस द्रव का गर्भावस्था में कोई योगदान नहीं होता, तो आपको अपनी सोच बदलने की जरूरत है। यह द्रव वीर्य को गाढ़ा करता है, जिससे वह महिला की योनि में अधिक समय तक रहता है। लेकिन, कुछ शोध यह भी बताते हैं कि इस द्रव में शुक्राणु भी होते हैं, जो किसी महिला को गर्भवती बना सकते हैं। Image Courtesy- Getty Images
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अधिक मात्रा में द्रव का स्राव
यदि किसी को अधिक मात्रा में इस द्रव का स्राव होता है, तो यह पारासिमपेथिक नसों की कमजोरी का लक्षण हो सकता है। इसके साथ ही पूबोकोकीगूस अथवा पीसी नसों की कमजोरी का भी संकेत हो सकता है। इस समस्या से निपटने के लिए कई दवायें, ओइंटमेंट और क्रीम बाजार में मौजूद हैं। Image Courtesy- Getty Images