खूबसूरती की उलझन
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1
सांसों की बदबू
आदमी को सबसे ज्यादा परेशानी सांसों को लेकर होती है। मसूड़ों की बीमारी, दांतों के रोग, दांतों की सही तरीके से देखभाल, पेट की समस्या आदि के कारण सांसों से बदबू आती है। प्याज और लहसुन जैसे खाद्य-पदार्थ भी सांसों में बदबू पैदा करते हैं। अगर आपको दांतों की समस्या है तो चिकित्सक से संपर्क कीजिए।
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2
ज्यादा पसीना आना
कुछ लोगों को सामान्य दिनों में भी पसीना आता है। इस स्थिति को हाइपरहाइड्रोसिस कहा जाता है। शारीरिक परिश्रम या लगातार काम करने से ज्यादा पसीना होता है। बाहों के नीचे, हथेलियों में, पैर के नीचे सबसे ज्यादा पसीना होता है। लेकिन अगर आप ठंडे स्थान पर हैं और पसीना आ रहा है तो यह बीमारी हो सकती है।
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3
भौंह में ज्यादा बाल
कुछ लड़कियों के आईब्रो में समान्य से ज्यादा बाल उग आते हैं। ऐसा आनुवांशिक कारणों से भी हो सकता है। इसमें पूरे आंखों के ऊपर के बाल ज्यादा उग आते हैं। हेयर रिमूवर का इस्तेमाल करने से इस समस्या से निजात मिल सकती है।
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4
स्ट्रेच मार्क्स
पेट, जांघों, कूल्हों, स्तन या पीठ के निचले हिस्से पर निशान होना सबसे आम हैं। मोटे लोग जब वजन कम करते हैं, गर्भावस्था या शरीर के विकास दौरान यह मार्क्स बन जाते हैं। केमिकल पील्स या लेजर सर्जरी इन खिंचाव के निशान को कम किया जा सकता है। लेकिन इसके लिए ज्यादा क्रीम और लोशन का प्रयोग नही करना चाहिए।
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5
पैरों से बदबू आना
बैक्टीरिया के कारण पैरों से बदबू आती है। पैरों में जब पसीना होता है तो बैक्टीरिया से मिलने के बाद दुर्गंध होती है। इस बदबू से बचने के लिए अपने पैरों को सूखा रखिए, शॉक्स का प्रयोग कम कीजिए। प्रयोग करने के बाद मोजे को धुल लीजिए और नियमित रूप से पैरों की सफाई कीजिए।
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6
गंजापन क्यों
बालों के गिरने की समस्या आजकल आम हो गई है। खान-पान, लाइफस्टाइल, गभार्वस्था, दवाईयों का प्रयोग, हार्मोन प्रॉबलम, थॉयराइड आदि के कारण बाल समय से पहले गिरने लगते हैं और आदमी गंजेपन का शिकार हो जाता है।
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7
दांतों का काला होना
आप नियमित रूप से अपने दांतों की सफाई कर रहे हैं फिर भी आपके दांतों पर धब्बे हैं। कॉफी, चाय, सोडा, रेड वाइन आदि पीने से दांतों पर धब्बे हो जाते हैं। धूम्रपान और कुछ दवायें भी दांतों पर धब्बे छोड़ जाते हैं।
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8
मुहांसे क्यों हैं
मुहांसे कभी भी हो सकते हैं। चेहरे पर अगर पिम्पल्स हो जाएं तो वह आपकी सुंदरता पर दाग की तरह होते हैं। हालांकि पिम्पल्स बाहों, कूल्हों, पीठ आदि जगहों पर भी हो सकते हैं। क्रीम और माइस्चरॉइजर्स के प्रयोग से पिम्पल्स से बचा जा सकता है।
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9
ऑयली त्वचा
तैलीय त्वचा बहुत चिपचिपी होती है जिसके कारण कई परेशानी हो सकती है और इसे बार-बार धोना पड़ सकता है। सोबासियस ग्रंथि की अतिसक्रियता के कारण त्वचा चिपचिपी हो जाती है। ऑयली त्वचा में ब्लैक हेड्स और पिम्पल्स ज्यादा होते हैं।