एक अद्भुत कार्बनिक हर्बल हेल्थ टॉनिक कैसे बनायें
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कार्बनिक हर्बल हेल्थ टॉनिक
औषधियां प्राचीन काल से ही स्वास्थ्य के उपचार के लिए प्रयोग की जाती रही हैं। इन औषधियों का प्रयोग करके सामान्य बीमारी से लेकर जानलेवा बीमारी तक का उपचार आसानी से हो सकता है। औषधियों का चूर्ण आसानी से बनाया जा सकता है, लेकिन क्या आपको पता है आप अपने घर पर आसानी से हर्बल के प्रयोग से हेल्थ टॉनिक बना सकते हैं। आगे के स्लाइड शो में जानिए उपयोगी हर्बल हेल्थ टॉनिक के बारे में।
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गुलकंद
यह एक औषधीय टॉनिक है, इसमें कैल्शियम व एंटीऑक्सीडेंट्स पाए जाते हैं। इसका सेवन हर उम्रवर्ग के लोग हर मौसम में प्रयोग कर सकते हैं। इससे ताजगी मिलती है और चेहरे पर निखार आता है। यह पिंपल्स, आंखों के काले घेरों को दूर कर सकता है, इससे बाल झड़ना भी बंद होते हैं। इसे बनाने के लिए देसी गुलाब की पत्तियों और पंखुडि़यों का प्रयोग करें। जितनी पत्तियां और पंखुड़ी लें उससे दोगुनी मात्रा में शक्कर लें। कांच के चौड़े मुंह वाले जार में एक तह गुलाब की पत्तियों की और एक तह शक्कर की गलाएं। इसी तरह एक के ऊपर एक सारी पत्तियां व शक्कर डाल दें। जार का मुंह साफ कपड़े से बंद कर इसे नियमित तीन से चार धूप में सुखायें, गुलकंद तैयार हो जाएगा। इसके गुलाबजल में मिलाकर पेय बना लें और एक चम्मच सुबह, दोपहर शाम पियें।
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आंवले का रस
आंवले का रस आंखों के लिए वरदान माना जाता है, इसके रस का नियमित सेवन करने से आंखों की रोशनी बढ़ती है। इसे विटामिन 'सी' का सर्वोत्तम और प्राकृतिक स्रोत माना जाता है। इसके रस का सेवन करने से दमा, खांसी, श्वास रोग, कब्ज, हृदय के रोग, मूत्र विकार आदि नहीं होते। यह पौरुष शक्ति भी बढ़ाता है। बालों के लिए भी यह बहुत फायदेमंद है।
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तुलसी
इसे संजीवनी बूटी भी कहा जाता है। इसके रस से बुखार उतर जाता है। इसे पानी में मिलाकर हर दो-तीन घंटे में पीने से बुखार कम होता है। कई आयुर्वेदिक कफ सिरप में तुलसी का इस्तेमाल किया जाता है। खांसी आने पर इसके रस को निकालकर पानी के साथ पीने से खांसी दूर हो जाती है। ब्रोंकाइटिस और दमा जैसे रोंगो के उपचार के लिए तुलसी का रस प्रयोग कीजिए, यह बहुत ही फायदेमंद हर्बल टॉनिक है।
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अश्वगंधा
यह ऐसा हर्बल टॉनिक है जो शरीर की रोग-प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करता है। अश्वगंधा को पानी में उबालकर छानकर पीने से भूख बढ़ती है और पाचन क्रिया अच्छी होती है। यह तनाव और असवाद को भी दूर करता है। तनाव होने पर पानी में अश्वगंधा को उबाल लें और उसे छानकार ठंडा करके पियें, इससे तनाव और अवसाद से निजात मिलेगी।
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यष्टिमधु
इसे मुलेठी भी कहा जाता है, यह बहुत ही गुणकारी हर्बल टॉनिक है। इसके सेवन से पेट की समस्या दूर होती है। मुलेठी मीठी होती है इसलिए इसे यष्टिमधु भी कहा जाता है। मुलेठी के जड़ को पीसकर चूर्ण बना लें और इसके एक चम्मच चूर्ण में एक चम्मच शहद मिलाकर पेस्ट बना लें, इस पेस्ट को शाम के समय पीने से पेट के विकार नहीं होते हैं। कफ की समस्या होने पर मुलेठी को उबाल ले, उसके पानी को छानकर बने हुए पेय पदार्थ पीने से कफ की समस्या दूर होती है। सांस की समस्या और अल्सर के लिए भी यह फायदेमंद है।
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नीम की पत्ती
हालांकि नीम की पत्ती बहुत कड़वी होती है, लेकिन औषधीय लिहाज से यह बहुत गुणकारी है। न केवल इसकी पत्तियां लाभकारी हैं बल्कि इससे जरिये बनाया गया हर्बल पेय पदार्थ कई बीमारियों को दूर करता है। किसी भी प्रकार का चर्म रोग हो, नीम की पत्ती को पानी में उबालकर पेय पदार्थ बना लें, इसका सेवन सुबह शाम करने से चर्मरोग ठीक हो जाता है। मुंहांसे होने पर भी इस पेय पदार्थ का सेवन करें, मुहांसे दूर हो जायेंगे।
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हर्बल टी
हर्बल टी में एंटी-ऑक्सीडेंट या फ्लेवोनॉयड भरपूर मात्रा में पाया जाता है, यह दिल के रोगों में फायदेमंद है। फ्लेवोनॉयड खून का थक्का बनने से रोकता है और कैंसर की आशंका को कम करते हैं। यह चाय कैलोरी फ्री होती है और आम चाय की तरह इसमें कैफीन बिलकुल भी नहीं होता है। वजन कम करने वालों के लिए यह वरदान हो सकती है। इसके सेवन से मन शांत रहता है, पाचन तंत्र मजबूत होता है, उर्जा भी मिलती है, तनाव दूर होता है, सर्दी-जुकाम से भी निजात मिलती है और सबसे अच्छी बात कि इसके नियमित सेवन से नींद अच्छी आती है।
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ब्राह्मी
ब्राह्मी को दिमाग का टॉनिक बोला जाता है, इसके नियमित सेवन से याददाश्त बढ़ती है। इसके अलावा इसके रस के सेवन से मानसिक रोगों का उपचार हो सकता है। इसकी पत्तियां और फूल को प्रयोग किया जाता है। यह बुखार को दूर करती है, सफेद दाग, पीलिया, खून की खराबी को दूर करने के लिए ब्राह्मी का प्रयोग कीजिए।
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अदरक
अदरक पाचन तंत्र को बेहतर करता है, सर्दी-जुकाम, में फायदा पहुंचाता है। यह कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करता है और ब्लड सर्कुलेशन को ठीक रखता है। ताजे अदरक को पीसकर साफ कपड़े में डालकर इसका रस निकाल लें और रोगी को पीने के लिए दें। इससे गठिया, सर्वाइकल स्पोंडिलाइटिस, भूख न लगना, पेचिश, खांसी, जुकाम, दमा और शरीर में दर्द के साथ बुखार, कब्ज होना, कान में दर्द, उल्टियां होना, मोच आना, पेट में दर्द आदि रोग ठीक हो जाते हैं।