कैसे की जाती है यौन संचारित रोगों की जांच
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यौन संचारित रोग
आमतौर पर लोगों को यौन संचारित रोगों की गंभीरता और इसके खतरों के बारे में तो जानकारी होती है, लेकिन इनकी जांच के तरीकों को लेकर अधिकतर लोग अनजान रहते हैं। यदि आप सेक्सुअल रूप से अधिक सक्रिय हैं, विशेषकर यदि आपके संबंध एक से अधिक पार्टनर के साथ हैं, तो आपको ये रोग होने का खतरा काफी बढ़ जाता है। आइए जानने की कोशिश करते हैं कि आमतौर पर यौन संचारित रोगो की जांच कैसे की जाती है। Image Courtesy- Getty Images
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क्लामायडिया
क्लामायडिया में जांच बहुत जरूरी होती है। क्योंकि स्पष्ट संकेतों के अभाव में आपको इस संक्रमण के बारे में पता भी नहीं चलेगा। इसकी जांच यूरीन टेस्ट अथवा स्वेब से की जाती है। Image Courtesy- Getty Images
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गोनोरेहा
क्लामायडिया की ही तरह गोनोरेहा की जांच भी यूरीन अथवा स्वेब से होती है। महिलाओं में इसकी जांच के लिए गर्भाशय में स्वेब डाला जाता है। इसके बाद प्रयोगशाला में इसकी जांच की जाती है और फिर निदान किया जाता है। Image Courtesy- Getty Images
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सिफलिस
यदि आपके एक से अधिक सेक्स पार्टनर हैं, तो आपको सिफलिस की जांच जरूर करनी चाहिए। इसकी जांच के लिए डॉक्टर रक्त जांच अथवा जननांगों के घावों के सैम्पल लिये जाते हैं। इन सैम्पल की प्रयोगशाला में जांच की जाती है। Image Courtesy- Getty Images
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एचआईवी और हेपेटाइटिस
यदि आपके एक से अधिक सेक्स पार्टनर हैं या आप खतरनाक ड्रग्स और पुरानी सीरिंज का इस्तेमाल करते हैं। यदि आप समलैंगिक पुरुष हैं, तो वक्त आ गया है कि आप एचआईवी और हेपेटाइटिस की जांच करवायें। इसके लिए डॉक्टर रक्त के नमूने को प्रयोगशाला में जांच के लिए भेजता है। Image Courtesy- Getty Images
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जेनिटल हर्पस
हालांकि इस बीमारी के लिए कोई स्तरीय जांच उपलब्ध नहीं है, आपका डॉक्टर उस टिशू का हिस्सा लेकर प्रयोगशाला में उसे जांच के लिए भेजेगा। हालांकि, परिणाम नकारात्मक आने का अर्थ यह नहीं है कि आपको हरपस नहीं है। Image Courtesy- Getty Images
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पुरुषों में ह्यूमन पपिलामावायरस (एचपीवी)
सेक्सुअल रूप से अधिक सक्रिय पुरुषों को यह बीमारी जीवन में कभी न कभी जरूर प्रभावित करती है। हालांकि यह वायरस आमतौर पर दो महीने में गायब हो जाता है। इस बीमारी के लिए कोई जांच उपलब्ध नहीं है। डॉक्टर केवल मस्सों की जांच करके ही इसका अंदाजा लगाता है। Image Courtesy- Getty Images
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महिलाओं में ह्यूमन पपिलामावायरस (एचपीवी)
पुरुषों के उलट, महिलाओं में एचपीवी की जांच के तरीके मौजूद हैं। तीस से अधिक उम्र की महिलाओं के गर्भाशय ग्रीवा से सैंपल लिये जाते हैं। इसके बाद इनकी जांच प्रयोगशाला में की जाती है। युवा महिलाओं में संक्रमण अपने आप समाप्त हो जाता है। Image Courtesy- Getty Images
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स्व-जांच
इन दिनों क्लामायडिया और गोनोरेहा के लिए कई जांच घर पर ही की जा सकती हैं। इस टेस्ट किट की मदद से आप यूरीन जांच और जननांग स्वेब की मदद से घर ही सैम्पल लेकर इसे प्रयोगशाला में जांच के लिए दे सकते हैं। Image Courtesy- Getty Images
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सकारात्मक आएं परिणाम
यदि जांच में आपको यौन संचारित रोग होने की बात सामने आती है, तो आपको फौरन अन्य जांच करवानी चाहिए। इसके साथ ही अपने साथी को भी जांच करवाने के लिए कहें क्योंकि यह संक्रमण फैल सकता है। यौन संचारित रोगों की जांच करवाना कोई मुश्किल काम नहीं है। और आपको नियमित ऐसी जांच करवाते रहना चाहिए। Image Courtesy- Getty Images