पुदीने की 1 पत्ती इन 10 रोगों का करती है नाश, जानें कैसे
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पुदीने के फायदे
पुदीने की खुशबू और स्वाद ताजगी भरने के लिए काफी होता है। इसमें विटामिन 'ए' की भरपूर मात्रा होती है। जो हमारी सेहत के लिए काफी फायदेमंद होती है। इसके साथ ही इसमें कई अन्य स्वास्थ्य लाभ भी हैं। भोजन का जायका बढ़ाने में भी पुदीने का इस्तेमाल किया जाता है। पेट की तकलीफ में भी पुदीने का जवाब नहीं। आइए जानते हैं कि इन हरी महकदार पत्तियों में और क्या-क्या गुण समाये हैं।
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सांसें महकाये
सांसों की दुर्गंध को दूर करने के लिए पुदीने की सूखी पत्तियों के चूर्ण से मंजन करें। यह न केवल आपकी सांसों को ताजा बनाता है, बल्कि साथ कई अन्य दंत समस्याओं से भी छुटकारा दिलाता है। इसके साथ ही इससे मसूड़े भी मजबूत होते हैं।
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पिंपल दूर भगायें
पुदीने की कुछ पत्तियां लेकर पीस लें। उसमें 2-3 बूंदे नींबू का रस मिलाकर इसे चेहरे पर कुछ देर के लिए लगाएं। फिर ठंडे पानी से चेहरा धो लें। कुछ दिन ऐसा करने से मुंहासे ठीक हो जाएंगे और चेहरे पर चमक भी आ जाएगी।
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बीपी को करे काबू
पुदीना उच्च और निम्न दोनों प्रकार के बीपी में मददगार होता है। हाई बीपी से पीड़ित व्यक्ति को बिना चीनी एवं नमक डाले ही पुदीने का सेवन करना चाहिए। जबकि लो बीपी के रोगी को पुदीने की चटनी या रस में सेंधा नमक, काली मिर्च, किशमिश डालकर सेवन करना चाहिए।
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पेट के लिए अमृत
पुदीना पेट की कई बीमारियों को ठीक करने में मदद करता है। पेट की समस्याओं से बचने के लिए पुदीने का किसी न किसी रूप में प्रतिदिन सेवन अवश्य करना चाहिए। पुदीने की पत्तियों का ताजा रस नीबू और शहद के साथ समान मात्रा में लेने से पेट की हर बीमारियों में आराम दिलाता है।
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सांस संबंधी रोगों में फायदेमंद
पुदीने में फेफड़ों में जमा हुए बलगम को शरीर से बाहर का विलक्षण गुण पाया जाता है। इसी कारण कफ से होने वाली खांसी और अस्थमा को दूर करता है। पुदीने को सुखाकर, इसे कपड़े से छानकर बारीक चूर्ण बना लें। इस चूर्ण की एक चम्मच दिन में दो बार पानी के साथ लें।
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मासिक धर्म में लाभकारी
अगर आपका मासिक धर्म समय पर नहीं आता तो आप पुदीने का सेवन करें। इसके लिए पुदीने की सूखी पत्तियों के चूर्ण को शहद के साथ समान मात्रा में मिलाकर दिन में दो से तीन बार नियमित रूप से सेवन करें। यह मासिक धर्म की परेशानियों में बहुत लाभकारी साबित होता है।
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पुदीना है तो नो डिहाइड्रेशन
डिहाइड्रेशन यानि पानी की कमी की घातक अवस्था से बचने के लिए पुदीना बहुत ही लाभकारी है। डिहाइड्रेशन में पुदीना, प्याज और नींबू का रस बराबर-बराबर मात्रा में मिलाकर पिलाने से लाभ होता है। उल्टी-दस्त, डिहाइड्रेशन हो तो आधा कप पुदीने का रस हर दो घंटे के अन्तर में रोगी को पिलाएं।
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गर्मी, लू लगने पर
गर्मी में लू से बचने के लिए पुदीने और प्याज की चटनी बनाकर सेवन करें। अगर इसका सेवन नियमित रूप से किया जाए तो लू लगने की आशंका खत्म हो जाती है। अधिक गर्मी या उमस के मौसम में जी मिचलाने पर एक चम्मच सूखे पुदीने की पत्तियों का चूर्ण और आधी छोटी इलायची के चूर्ण को एक गिलास पानी में उबालकर पीने से लाभ होता है।
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हिचकी दूर भगाए
हिचकी में पुदीने के रस को पीने से लाभ होता है। अगर आपकी हिचकी बंद न हो तो पुदीने के पत्ते में नींबू का रस मिलाकर लें। साथ ही पुदीने के पत्तों पर शक्कर डालकर हर दो घंटे में चबाने से हिचकी में फायदा होता है। पुदीना का रस किसी घाव पर लगाने से जख्म जल्दी भर जता हैं। यदि किसी घाव से बदबू आ रही है तो इसके पत्तों का लेप लगाने से बदबू नहीं आती।