कद बढ़ाने में मददगार दस योगासन
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कद के लिए योग
व्यक्तित्व को निखारने में लंबाई की अहम भूमिका होती है। अक्सर कम लंबाई वाले लोग काफी शर्मिंदगी महसूस करते हैं। आमतौर पर बच्चे अपनी किशोरावस्था अवधि के अंतिम चरण तक अपनी अधिकतम ऊंचाई तक पहुंच जाते हैं। यूं तो लंबाई का कम होना विभिन्न आनुवांशिक और पर्यावरणीय कारकों पर निर्भर करता है। लेकिन योग के अभ्यास से किशोरावस्था के बाद भी कुछ इंच तक लंबाई हासिल करना संभव है। क्योंकि योग शरीर के सभी हिस्सों को ऊर्जा प्रदान कर शरीर के तनाव को कम करता है और कद को बढ़ता है। इसके अलावा योग आपकी शरीर मुद्रा को सही कर लंबाई को परोक्ष रूप से प्रभावित करता है। योग समग्र स्वास्थ्य और शरीर के लिए बहुत फायदेमंद होता है। image courtesy : getty images
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कद बढ़ाने के लिए योगासन
योग को करते समय लचक पैदा करने के लिए सांस को नियंत्रित और शरीर को स्ट्रेच करें, ताकी योग कई स्तर तक ऊंचाई को बढ़ाने में मदद कर सकें। योग में शामिल गहरी सांस पीठ की मांसपेशियों के तनाव को कम करने में मदद होती है। जिससे शरीर का विकास होता है। कई प्रकार के योग मुद्राएं आपके शरीर को सीधा रखकर कद को बढ़ाने में आपकी मदद करती हैं। यहां पर लंबाई बढ़ाने के ऐसे की कुछ योगासन दिए गए हैं। image courtesy : getty images
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सूर्य नमस्कार
सूर्य नमस्कार सम्पूर्ण योग व्यायाम का लाभ पहुंचाने में समर्थ है, इसके बारह आसनों को करने से शरीर निरोग और स्वस्थ रहता है और लंबाई बढ़ती है। इसमें प्रथम अवस्था प्रणाम मुद्रा शमिल होती है, दूसरी में हस्त उत्तानासन, तीसरी में पाद हस्तासन, चौथी अश्व संचालन आसन, पांचवी अवस्था में पर्वतासन, छठी में अष्टांग नमस्कार, सातवीं में भुजंगासन, आठवीं में पर्वतासन, नौवीं अश्व संचालन आसन, दसवीं अवस्था में पाद हस्तासन ग्यारहवीं अवस्था में हस्त उत्तानासन और बारहवीं अवस्था में प्रणाम मुद्रा शामिल हैं। ये 12 अवस्थाएं सूर्य नमस्कार का चक्र है। image courtesy : getty images
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ताड़ासन
ताड़ासन से लंबाई को बढ़ाने में मदद मिलती है। इसे करने के लिए सबसे पहले जमीन सीधे खड़े हो जाएं। अपने दोनों पैर को आपस में मिलाकर और दोनों हथेलियों को अपने बगल में रखें फिर पूरे शरीर को स्थिर रखें और दोनों पैरों पर अपने शरीर का वजन सामान रखें। इसके बाद दोनों हथेलियों की अंगुलियों को मिलाकर सिर के ऊपर ले जाएं। हथेलियों सीधी रखें फिर सांस भरते हुए अपने हाथों को ऊपर की ओर खींचिए, जिससे आपके कंधों और छाती में भी खिंचाव आएगा। इसके साथ ही पैरों की एड़ी को भी ऊपर उठाएं और पैरों की अंगुलियों पर शरीर का संतुलन बनाए रखिए। इस स्थिति में कुछ देर रहें। कुछ देर रुकने के बाद सांस छोड़ते हुए हाथों को वापस सिर के ऊपर ले आएं। इस आसन को प्रतिदिन 10-12 बार करें। image courtesy : getty images
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पश्चिमोत्तानासन
इस योग को करने से आप न सिर्फ कई स्वास्थ्य समस्याओं से दूर रहेंगे बल्कि आपका शरीर लचीला होगा। इसके लिए सबसे पहले सीधे बैठ जाएं और दोनों पैरों को फैलाकर एक सीध में रखें। दोनों पैर सटाकर रखें। दोनों हाथों को ऊपर की ओर उठाएं और कमर को बिल्कुल सीधा रखें। फिर झुककर दोनों हाथों से पैरों के दोनों अंगूठे पकड़ने की कोशिश करें। ध्यान रहे इस दौरान आपके घुटने न मुड़ें और न ही आपके पैर जमीन से ऊपर उठें। image courtesy : getty images
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भुजंगासन
यह योग दिखने में फन फैलाए एक सांप जैसा पोज बनता है इसलिए इसका नाम भुजंगासन या कोबरा आसन रखा गया है। इसके लिए पेट के बल जमीन पर लेट जाएं। अब दोनों हाथ के सहारे शरीर के कमर से ऊपरी हिस्से को ऊपर की तरफ उठाएं, लेकिन कोहनी आपकी मुड़ी होनी चाहिए। हथेली खुली और जमीन पर फैली हो। अब शरीर के बाकी हिस्से को बिना हिलाए-डुलाए चेहरे को बिल्कुल ऊपर की ओर करें। कुछ समय के लिए इस मुद्रा को यूं ही रखें। यह आसन आपकी मांसपेशियों के लिए काफी फायदेमंद होता है। image courtesy : getty images
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शीर्षासन
यह आसन सिर के बल किया जाता है इसलिए इसे शीर्षासन कहते हैं। इसके करने के लिए सबसे पहले समतल स्थान पर वज्रासन की अवस्था में बैठ जाएं। अब आगे की ओर झुककर दोनों हाथों की कोहनियों को जमीन पर टिका दें। दोनों हाथों की उंगलियों को आपस में जोड़ लें। अब सिर को दोनों हथेलियों के मध्य धीरे-धीरे रखें। सांस सामान्य रखें। सिर को जमीन पर टिकाने के बाद धीरे-धीरे शरीर का पूरा वजन सिर छोड़ते हुए शरीर को ऊपर की उठाना शुरू करें। शरीर का भार सिर पर लें। शरीर को सीधा कर लें। बस यही अवस्था को शीर्षासन कहा जाता है। image courtesy : getty images
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चक्रासन
इसे करने के लिए अपनी बाजुओं को शरीर के पास रखते हुए पीठ के बल लेट जाएं। घुटनों को मोड़ें और पैरों को फर्श पर नितंबों के पास रखें। बाजुओं को सिर के ऊपर उठाएं और फर्श पर दोनों कंधों के पास हथेलियों को रखें। उंगलियां शरीर की ओर होंगी और कोहनियां ऊपर की तरफ। पूरे शरीर को ऐसे ऊंचा उठाएं कि केवल हाथ और पैर ही फर्श पर हों। हाथों को पैरों के पास लाने की कोशिश करें। फर्श की ओर देखें। सामान्य सांस के साथ इसी स्थिति में बने रहे और फिर प्रारंभिक स्थिति में लौट आएं। image courtesy : getty images
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उर्ध्वोत्तानासन
शरीर को ऊपर की और तानना ही उर्ध्वोत्तानासन है। इस आसन के नियमित अभ्यास से रीढ़ लचीली बनने से लंबाई बढ़ाने में मदद मिलती है। इसे करने के लिए सांस भरते हुए कंधों को पीछे कर हाथों को बगल से धीरे-धीरे ऊपर उठाएं, कंधे की सीध में आने पर हथेली की दिशा आसमान की ओर करते हुए हाथों को कान से लगा दें। कोहनियों को मोड़ते हुए विपरीत भुजाओं को पकड़े। गर्दन नीचे झुकाएं। पंजे के बल होकर ऐड़ी को ऊपर उठाएं। श्वास भरते हुए पंजों पर दबाव, पिण्डलियों में कसावट, जंघा की मांसपेशियों को ऊपर की ओर खींचे, नितंब को कसावट देते हुए नाभि अंदर, सीना बाहर पूरी श्वास भर लें। image courtesy : wordpress.com
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त्रिकोनासन
इसे करने के लिए सीधे खड़े होकर हाथ व पैर खोल लें। अब धीरे-धीरे झुकते हुए सीधे हाथ से उलटे पैर को छुएं और दूसरा हाथ ऊपर की ओर ले जाएं। इस अवस्था में कुछ देर रुककर ऊपर की ओर देखने की कोशिश करें। इस दौरान सामान्य गति से सांस लें। यथाशक्ति इस अवस्था में रुकें और फिर धीरे-धीरे वापस लौट आएं। इसी प्रकार दूसरी ओर से भी करें। image courtesy : getty images
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अधोमुख श्वानासन
यह योग रक्त का प्रवाह बढ़ा कर तंत्रिका तंत्र को मजबूत करता है और रीढ़ की हड्डी में कोमलता प्रदान करता है। इसे करने के लिए घुटनों के बल खड़े हो जाये और फिर हाथों को जमीन पर रखें। अब हाथों पर शरीर का सारा जोर देते हुए पैरों को वी आकार में फैलाएं। रीढ़ की हड्डी सीधी रखते हुए शरीर के ऊपरी हिस्से को ऊपर की ओर खींचें। एक मिनट तक इसी अवस्था में रहने के बाद सामान्य अवस्था में आ जाये। image courtesy : newsyaps.com
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योग के फायदे
लंबाई बढ़ाने के लिये योग एक विज्ञान है, जो सदियों से अपने प्रभाव को साबित कर रहा है। इन व्यायामों को अपनाने के बाद आपकी लंबाई में बढ़ोत्तरी हो सकती है। इन व्यायामों को करने के दौरान मांसपेशियों पर दबाव पड़ता है और वे खिंचती है जिससे लंबाई बढ़ने में मदद मिलती है। image courtesy : getty images