हमारे यहां रोटियां बनाने के लिए मुख्य रूप से गेंहूं के आटे का ही प्रयोग किया जाता है जबकि पहले के समय में गेंहूं के अलावा अन्य मोटे अनाज जैसे जौ, बाजरा, मक्का आदि का भी प्रयोग होता था। जौ में कई ऐसे पौष्टिक गुण होते हैं जो गेंहूं के आटे से आपको नहीं मिलते हैं। गेंहूं के आटे में ग्लूटेन होता है जिसके लंबे समय तक इस्तेमाल करने से कुछ लोगों को सेलिएक रोग हो सकते हैं। इसीलिए जौ के आटों का प्रयोग आपके लिए सुरक्षित और स्वास्थ्यवर्धक है। आइये आपको बताते हैं कि जौ के प्रयोग से आपको क्या-क्या फायदे मिलते हैं।
जौ में गेंहू के मुकाबले ज्यादा पौष्टिक तत्व होते हैं। जौ के आटे में कैल्शियम, जिंक, मैग्नीशियम और पोटैशियम सहित कई खनिज तत्व होते हैं। इसमें गेहूं की तुलना में प्रोटीन भी ज्यादा होता है। जौ के आटे के इस्तेमाल से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है। जौ के आटे में गेंहू की तरह ग्लूटेन नहीं होता है इसलिए ये आसानी से पच जाता है। जौ के आटे के प्रयोग से शरीर को कई रोगों से भी बचाव रहता है।
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जौ में भरपूर फाइबर होता है। हमारा शरीर फाइबर को नहीं पचा पाता है इसलिए फाइबरयुक्त आहार से हमारा पेट भी जल्दी भर जाता है और शरीर में कैलोरी भी नहीं बढ़ती है। इसी कारण जौ भी वजन घटाने के लिए अच्छा है। जौ के आटे से बनी रोटियां और ब्रेड खाने में भी स्वादिष्ट लगते हैं इसलिए वजन घटाने के लिए ये एक अच्छा तरीका है कि आप जौ से बने आहारों का सेवन शुरू कर दें।
डायबिटीज के मरीजों के लिए सबसे अच्छा जौ का आटा माना जाता है क्योंकि ये ब्लड में शुगर के लेवल को कम करता है। जौ में 8 जरूरी एमिनो एसिड्स होते हैं और घुलनशील फाइबर होते हैं जो इंसुलिन के उत्पादन में सहायक होते हैं। जौ में बीटा ग्लूकन नाम का फाइबर होता है, जो ब्लड में घुलने वाले शुगर को कंट्रोल करता है। यहां तक कि शुगर के मरीजों के लिए जौ का प्रयोग ओट्स से भी ज्यादा फायदेमंद है।
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जौ खाने से दिल की बीमारियों की संभावना बहुत हद तक कम हो जाती है। जौ में विटामिन बी3 यानि नियासिन, विटामिन बी1 यानि थियामिन, सेलेनियम, कॉपर और मैग्नीशियम होता है जो कोलेस्ट्रॉल और ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करता है। ये सभी तत्व शरीर में बैड कोलेस्ट्रॉल के लेवल को कम करते हैं और मेटाबॉलिज्म बढ़ाते हैं, जिससे शरीर में कहीं भी खून के थक्के जमने की संभावना कम हो जाती है। दिल की बीमारियों का प्रमुख कारण रक्त प्रवाह में अनियमितता ही है।
जौ में ऐसे कई एंटीऑक्सिडेंट्स होते हैं जो शरीर की कई गंभीर बीमारियों से रक्षा करते हैं। जौ में मौजूद लिग्नैन्स के कारण कैंसर रोग से बचाव होता है। ये शरीर में अंदरूनी सूजन को भी कम करता है और उम्र के असर को भी कम करता है। जौ के सेवन से शरीर में गुड बैक्टीरिया बढ़ते हैं और बैड बैक्टीरिया खत्म होते हैं जिससे शरीर का मेटाबॉलिज्म ठीक रहता है। इससे प्रोस्टेट कैंसर और ब्रेस्ट कैंसर का खतरा कम होता है।
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