सभी आवश्यक तेलों में से लैवेंडर सबसे बहुमुखी है। लैवेंडर अपने एंटीसेप्टिक, दर्दनिवारक प्रभाव और हीलिंग गुणों के कारण कई वर्षों से प्रयोग किया जा रहा है। इसकी खुशबू शान्तिदायक, आरामदायक और संतुलनदायक होती है। प्राकृतिक आराम पहुंचाने वाले गुणों के कारण एरोमाथेरेपी में इसका प्रयोग सुकून दिलाने में मदद करने के लिए किया जाता है। यह घाव को साफ करने, चोट और त्वचा खुजलाहट के लिये उपयोगी होता है। आइए जानें, पेट, मन और त्वचा को शांत करने के लिए इस सुखदायक जड़ी बूटी का उपयोग कैसे किया जाता है।
न्यूयॉर्क में त्वचा विशेषज्ञ एमडी, फ्रांसिस्का फुसको के अनुसार, अगर आप डैंड्रफ की समस्या से परेशान हैं, तो लैवेंडर तेल आपकी इस समस्या का सही समाधान है, न्यूयॉर्क में त्वचा विशेषज्ञ एमडी, फ्रांसिस्का फुसका कहना है। डॉक्टर फुसको द्वारा बताये गये डैंड्रफ के उपाय के लिए आपको एक मग में 15 बूंदें लैवेंडर आवश्यक तेल और 2 बड़े चम्मच ऑलिव और बादाम का तेल मिलाना है। फिर इसको हलका गर्म करना होगा। अब आपने स्कैल्प में इस तेल से मसाज करके शॉवर कैप पहन लें। लगभग एक घंटे के बाद अपने बालों में शैम्पू कर लें। कुछ दिनों तक उपचार करने से आपको लाभ दिखाई देने लगेगा।
पेट के फूलने और पाचन में गड़बड़ी के कारण बुरे बैक्टीरिया की अतिवृद्धि होने लगती है। ऐसा अक्सर एंटीबॉयोटिक के लेने से होता है। लेकिन एकादमी ऑफ न्यूट्रीशियन और डायटेटिक्स के डाइट एक्सपर्ट एमडी, क्रिस्टीन गर्बस्टड के अनुसार, लैवेंडर में मौजूद पॉलीफिनोल नामक एंटीऑक्सीडेंट पेट में मौजूद बुरे बैक्टीरिया को कम करने में मदद करता है। लैवेंडर अपच, पेट में दर्द, पेट फूलना, उल्टी और दस्त आदि का इलाज करता है। समस्या होने पर लेने के लिए दही पर सूखे हुए लैवेंडर के पत्ते को छिडकें।
यह सच है कि लैवेंडर की खूशबू लेने से आपको नींद आने लगती है। रिसर्च के अनुसार, यह खुशबू दिल की गति और ब्लड प्रेशर को कम कर आपको रिलैक्स करती है। एक शोध के मुताबिक लैवेंडर के तेल में कुछ ऐसे प्राकृतिक अर्क पाए जाते हैं, जो अच्छी नींद में मदद करते हैं। रिपोर्ट के मुताबिक लैवेंडर के तेल से की गई थेरेपी से व्यक्ति ऊर्जावान भी महसूस करता है। बस आपको करना इतना है कि रात में किसी कलश में मुट्ठी भर लैवेंडर को अपने बैडरूम में रखें।
मच्छर के काटने पर होने वाली खुजली को आप लैवेंडर आवश्यक तेल के इस्तेमाल से दूर कर सकते हैं। टेक्सास के त्वचा विशेषज्ञ एमडी नैला के अनुसार, इसमें मौजूद प्राकृतिक एंटी-इंफ्लेमेंटरी गुण, सूजन, खुजली और लालिमा को कम करने में मदद करते हैं। खुजली वाली जगह पर लैवेंडर तेल की एक या दो बूंद अंगुली में लेकर तब तक लगाये जब तक यह त्वचा के अंदर नहीं चली जाती। एक दिन में इस उपाय को हर छह से आठ घंटे के बाद करें।
लैवेंडर में मौजूद फीटोन्यूट्रिएंट्स को किसी भी आहार में मिलाने से वह स्वस्थवर्धक हो जाता है। इसके लिए आप किराने की दुकान में मिलने वाला हर्ब डे प्रोवेंस का उपयोग कर सकते हैं। लैवेंडर बेस इस मसाले सॉटैड या ग्रील्ड मीट, अंडे, सब्जियां, और यहां तक कि पूरे अनाज जैसे जौ, कूस्कूस, ब्राउन चावल पर छिड़क सकते हैं।
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