हम अकसर कहते हैं कि अच्छे सुकून भरे जीवन के लिए हमें समझौते करने पड़ते हैं। जबकि कुछ चीजों में समझौते करने से पहले हमें पांच दफा सोचना चाहिए। जी, हां! कुछ चीजें ऐसी होती हैं, जिनमें समझौते करने से अंत में हमारे हाथ सिवाय पछतावे के और कुछ नहीं बचता। ऐसी कौन सी चीजें हैं, आइये जानें।
अगर आपको लगता है कि आप अपने स्वास्थ्य से समझौता करके अच्छा कर रहे हैं तो जरा एक बार फिर सोच लीजिए। यह कोई चैंकाने वाला तथ्य नहीं है। वर्तमान समय में हम काम के ऊपर किसी को नहीं रखते। खुद को भी नहीं। अपने स्वास्थ्य को भी नहीं। जबकि यह सरासर गलत है। जरा सोचिए जब हमें जिंदगी एक बार मिलती है तो फिर हम क्यों इसे अपनी लापरवाही से गवाएं? स्वास्थ्य के लिए न सिर्फ डाइट प्लान सही रखना चाहिए वरन एक्सरसाइज भी करते रहना चाहिए। साथ ही समय समय पर खुद को एक लम्बी छुट्टी में भी भेजना चाहिए ताकि मानसिक राहत मिल सके।
करिअर ही हमारा आने वाला कल तय करता है। हमारा भविष्य उज्वल होगा या घोर अंधकार में जाएगा, ये सब कॅरिअर से ही सुनिश्चित होता है। इसलिए करिअर चुनते वक्त कतई समझौता न करें। किसी और की न सुनें। यहां यह नहीं कहा जा रहा कि हमेशा रिजिड यानी कठोर बने रहें और दूसरों को दरकिनार करें। कॅरिअर चयन के समय अनुभवियों को सुनें, उन्हें समझें। कॅरिअर एक बेहद संवेदनशील मुद्दा होता है। इसमें ज़रा भी लापरवाही खतरनाक साबित हो सकती है। अतः इसमें किसी प्रकार का समझौता करने से पहले एक या दो दफा नहीं बल्कि कम से कम पांच दफा सोचें।
अगर आप अपने निजी जीवन में सैद्धांतिक हैं, उनका सम्मान करते हैं तो किसी के लिए भी उनमें समझौता करना सही नहीं है। दरअसल सिद्धांतों से समझौता करने पर हमें हार का एहसास होता है। हार हमेशा नकारात्मक ऊर्जा के साथ हमारे जीवन में प्रवेश करता है। इससे हम जीवन के हर स्तर पर खुद को सबसे निचले पायदान पर पाते हैं। इस तरह की सोच से बचने के लिए जरूरी है कि अपने सिद्धांतों को सर्वोपरि रखा जाए और समझौता कतई न किया जाए।
जब सामने दो रास्ते हों तो किसे चुना जाए? सही और गलत राह में किसी एक को चुनना मुश्किल नहीं है। समस्या तब आती है जब दोनों राहें सही हों। लेकिन उनमें से एक हमारी तकदीर पलटने का सामथ्र्य रखती हो। जी, हां! हमारा खुद पर विश्वास इन दो राहों के चयन के समय ही नजर आता है। हम दूसरों पर आसानी से विश्वास कर लेते हैं जबकि खुद पर विश्वास करना हमारे लिए चुनौती बन जाती है। मनोचिकित्सकों की मानें तो खुशहाल जीवन के लिए खुद पर विश्वास रखना जरूरी है। मरीज भी तभी ठीक होता है जब वह खुद पर विश्वास करता है।
रिश्तों पर से भरोसा उठना जिंदगी की सबसे बड़ी असफलता के रूप में लिया जा सकता है। जी, हां! सम्बंध विशेषज्ञ मानते हैं कि रिश्तों की सफलता-असफलता हमारा कॅरिअर, स्वास्थ्य आदि सब तय करते हैं। अतः रिश्तों पर भरोसा रखें ताकि जीवन खुशमय हो सके।
इन सबके अलावा अपनी दिनचर्या को भी हेल्दी बनायें, अच्छा खायें रोज व्यायाम करें और हमेशा पॉजिटिव रहें।
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